Thursday, January 26, 2017

सर्वसमाज के समर्थन से थानाभवन सीट से सुरेश राणा की जीत पक्की,बनेंगे कैबिनेट मंत्री

वेस्ट यूपी में शामली जिले की थानाभवन सीट------

कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे होते हैं जहाँ किसी व्यक्तित्व के प्रभाव से जातिगत समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं, ऐसी ही एक सीट है शामली की थानाभवन सीट जहाँ अपनी लोकप्रियता के दम पर वर्तमान विधायक सुरेश राणा सामाजिक समीकरणों को धता बताकर पुन: जीतने जा रहे हैं और यूपी में बीजेपी सरकार बनी तो कैबिनेट मंत्री भी अवश्य बनेंगे।

पिछली बार सुरेश राणा नए थे और मुस्लिम मतों में बंटवारे की वजह से मामूली अंतर से जीत पाए थे, इस बार मुजफ्फरनगर शामली इलाके में हुए साम्प्रदायिक तनाव से उनकी और संगीत सोम की छवि हिन्दू हृदय सम्राट की बन चुकी है। अब उनकी लोकप्रियता और पहचान राष्ट्रव्यापी हो चुकी है, इस बार इन्हें उन वर्गों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है जो गत चुनाव में नही मिल पाया था,

बसपा ने इस सीट से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस खान (मुस्लिम राजपूत) को, सपा ने डॉक्टर सुधीर पवार (जाट समाज से) को, और रालोद ने राव जावेद खान (मुस्लिम राजपूत) को टिकट दिया है, इस बार मुस्लिम मतों में बिखराव पहले की अपेक्षा कम है,
सपा उम्मीदवार को जाट मतदाताओं का समर्थन मुजफ्फरनगर दंगो में सपा सरकार की भूमिका के कारण नही मिल पा रहा है,
जाट वोट का बहुमत भी सुरेश राणा को मिल रहा है।

थानाभवन सीट का सामाजिक समीकरण और रुझान निम्नवत दिखाई दे रहा है-----

95,000 मुस्लिम
45,000 जाट
45,000 दलित
24,000 राजपूत
35,000 कश्यप
30,000 सैनी
10000 ब्राह्मण
10000 वैश्य व्यापारी
4000   रोड
30000 अतिपिछड़ा ,वाल्मीकि आदि

बसपा उम्मीदवार राव अब्दुल वारिस का समीकरण---

मुस्लिम---65000
दलित ---35000
अन्य---5000
कुल--105000 इनका वोट प्रतिशत होगा 70%==71000

बसपा उम्मीदवार को कुल 70000--75000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।

सपा उम्मीदवार--डॉक्टर सुधीर पवार का समीकरण

मुस्लिम--10000
जाट--10000
अन्य---5000
टोटल 25000 इनका वोट प्रतिशत होगा 55%=14000

सपा उम्मीदवार को 13000--15000 वोट मिलता दिखाई दे रहा है, इनकी जमानत बचना भी मुश्किल है।

रालोद उम्मीदवार राव जावेद का समीकरण---

मुस्लिम --15000
जाट--15000
अन्य--5000

कुल 35000, इनका वोट प्रतिशत होगा 62%=23000

रालोद उम्मीदवार को 20000--25000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।

बीजेपी उम्मीदवार सुरेश राणा का समीकरण---

मुस्लिम--1000
दलित--9000
जाट--24000
सैनी--25000
कश्यप--29000
ठाकुर--22000
अन्य हिन्दू--45000

कुल--155000 ,इनका वोट प्रतिशत होगा 58%=90000

बीजेपी उम्मीदवार को 87000--90000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं,

इस प्रकार कम से कम 15 हजार वोट से सुरेश राणा की विजय होगी,
किन्तु मुस्लिम वोट पूरी तरह एकजुट होकर बसपा प्रत्याशी पर पड गया या जाट/दलित मतदाताओ में बीजेपी को अधिक समर्थन न मिल पाया तो कांटे का चुनाव भी हो सकता है।
ऐसे में सुरेश राणा की राष्ट्रव्यापी छवि और उनके भावी कैबिनेट मंत्री होने की आशा उनके लिए संजीवनी का कार्य करेगी।।

अगर बीजेपी समर्थक वोटरो का मतदान प्रतिशत बढ़ा लिया जाए तो जीत का अंतर 30000 तक होगा भले ही 70% मुस्लिम बसपा को मिल जाए।।
मुस्लिम 90% एकतरफा गए तब भी बीजेपी जीत सकती है पर हिन्दू समाज में पोलिंग 70% से ऊपर करवाना होगा अन्यथा समस्या हो सकती है।

अभी तक के रुझान से सुरेश राणा थानाभवन सीट से लगातार दूसरी बार बाजी मारते दिखाई दे रहे हैं और यह जीत उनके राजनैतिक कैरियर में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

Monday, January 23, 2017

सपा-कांग्रेस गठबंधन के बावजूद बीजेपी बढ़त पर, पर बहुमत से दूर

सपा कांग्रेस गठबंधन के बावजूद बीजेपी बढ़त पर---

यूपी में स्वर्ण हिन्दू वोट तकरीबन 25% है

यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी को राजपूत ब्राह्मणों और अन्य स्वर्णो का 35% वोट मिला था, कांग्रेस को 10% स्वर्णो का वोट मिला था,
यानि 45% स्वर्णो का समर्थन इन दोनों को मिला था

इस बार सपा कांग्रेस ठगबंधन को स्वर्णो का मात्र 25% वोट मिलेगा।।
10% स्वर्ण वोट बसपा के साथ होगा जहाँ अकेला स्वर्ण टिकट बसपा का होगा।।

इस प्रकार स्वर्णो का 65% वोट इस बार बीजेपी के साथ होगा, जो पिछली बार 40% मात्र था।।

स्वर्ण मतदाता सपा बसपा की गुलामी से मुक्ति पाने को इस बार जमकर उत्साहपूर्वक मतदान करें तो
सपा के मत प्रतिशत में 5% की जबरदस्त कमी सिर्फ स्वर्णो के विमुख होने से होगी,
जबकि मात्र स्वर्णो के अतिरिक्त समर्थन से बीजेपी के मत प्रतिशत में 7% की वृद्धि होगी।।

बसपा के मत प्रतिशत में स्वर्णो के और विमुख होने से पिछले चुनाव की अपेक्षा 2% की और कमी होगी।।।
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यूपी में गैर मुस्लिम और गैर अहीर ओबीसी मतदाता , और अति दलित मतदाता तकरीबन 30% हैं

पिछली बार सपा को 45% अतिपिछड़े अतिदलित मतदाताओ ने वोट दिया था,
कांग्रेस को भी पिछली बार 15% अति पिछड़े अति दलित मतदाताओं ने वोट दिया था,

इस प्रकार सपा कांग्रेस दोनों को पिछली बार कुल 60% वोट अतिपिछड़ा अतिदलित का मिला था,
20% बीजेपी और 20% बसपा को मिला था,

इस बार इस वर्ग का झुकाव स्पष्ट बीजेपी की ओर है,
सपा कांग्रेस ठगबंधन को इस वर्ग का अधिकतम 40% वोट मिलेगा,
बीजेपी को 40% और बसपा को 20% वोट अतिपिछड़ा और अति दलित मिलेगा।।

इस प्रकार अतिपिछड़ा और अति दलित वर्ग के झुकाव के कारण सपा कांग्रेस के मत प्रतिशत में 6% की कमी होगी,
जबकि बीजेपी के मत प्रतिशत में 6% की स्पष्ट वृद्धि होनी तय है।।
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मुस्लिम वोट-----मुस्लिम वोट यूपी में 19% हैं

पिछली बार 65% मुस्लिम सपा के साथ, 15% कांग्रेस के साथ थे, कुल 80% मुस्लिम इस गठबंधन के साथ थे,
और 20% बसपा के साथ थे

इस बार सपा कांग्रेस गठबंधन को 75% मुस्लिम वोट मिलेगा, बसपा को 20% वोट मुस्लिम का मिलेगा।।

इस प्रकार प्रदेश स्तर पर सपा कांग्रेस गठबंधन को मुस्लिम वोट में भी सपा गठबंधन को कोई विशेस लाभ नही होगा।
लेकिन मुस्लिम बीजेपी को हराने के लिए रणनीतिक मतदान करें तो बीजेपी को 20/25 सीटो पर झटका जरूर दे सकते हैं ।
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इस प्रकार राजनीती में सदैव 2 और 2 मिलकर चार नही होते, कांग्रेस के पास ऐसा कोई वोटबैंक नही जो वो गठबंधन में सपा को ट्रांसफर कर सके,जबकि बिहार में जेडीयू और आरजेडी का वोट एक दूसरे को ट्रांसफर हुआ था।
बल्कि कांग्रेस अधिकतर सीटो पर स्वर्ण उम्मीदवार खड़े करके बीजेपी का वोट काट लेती थी जो अब नही होगा।।
इसलिए सपा को इस गठबंधन से कोई लाभ नही होगा,
कांग्रेस की सीटें जरूर 25 से बढ़कर 35-40 हो सकती हैं।

गठबंधन के बावजूद सपा कांग्रेस को मिलाकर पिछली बार 43% वोट मिला था,
इस बार इनके वोट प्रतिशत में गठबंधन के बावजूद 11-12% की कमी होगी और बीजेपी के मत प्रतिशत में 13% की वृद्धि होगी।।।
बसपा के मत प्रतिशत में पिछली बार से भी 2% की कमी हो सकती है।

इस प्रकार बीजेपी को 2012 में वोट मिला था 21%
इस बार बीजेपी को वोट मिलेगा 33-34%

सपा कांग्रेस इन दोनों को मिलकर 2012 में वोट मिला था 43%
इस बार गठबंधन के बावजूद इन्हें वोट मिलेगा 31-32%

बसपा को 2012 में वोट मिला था 26%
इस बार इन्हें वोट मिलेगा 24-25%

इस प्रकार सीटों का आंकड़ा यह रह सकता है

बीजेपी        135-145
सपा            105-115
कांग्रेस           25 - 35
बसपा            75 - 85
आरएलडी        2-6
अन्य                8-12

Wednesday, January 18, 2017

यूपी में प्रथम चरण के 15 जिलो में सपा गठबंधन और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला


यूपी विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण में 15 जिलों की 73 विधानसभा सीटों का आकलन-------

प्रथम चरण में जिन 15 जिलों की 75 सीटो पर मतदान होगा, उनमे मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ,हापुड़, ग़ाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, आगरा, हाथरस, मथुरा, एटा, कासगंज, फीरोजाबाद शामिल हैं।।

इस पुरे गंगा यमुना के दोआब के इलाके में सभी सामाजिक वर्गों की अनुमानित जनसंख्या और उनका रुझान मेरी सूक्ष्म बुद्धि के अनुसार निम्नवत नजर आ रहा है।।।
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1----मुस्लिम आबादी तकरीबन 24%

इन 15 जिलों में मुस्लिम आबादी सर्वाधिक 24% है, शामली, मुजफ्फरनगर में करीब 40% ,मेरठ/बागपत में 32% और बाकि जगह 15% से 22% के बीच है।।

मुस्लिम मतों का रुझान इस प्रकार नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 70% मुस्लिम यानि कुल 16%
B--बसपा को 25% मुस्लिम यानि कुल 6%
C--बीजेपी को लगभग न के बराबर यानि 0.25%
D--अन्य को कुल 1.75%
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2---दलित वोट (जाटव/चर्मकार) तकरीबन 18%

दलित वोट का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 4% यानि कुल 0.7%
B--बसपा को 90% यानि कुल 16.2%
C--बीजेपी को 5% यानि कुल 0.9%
D--अन्य को कुल 0.2%
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3--जाट वोट तकरीबन 9%

जाट वोट का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा कांग्रेस रालोद गठबंधन(?) को 70% यानि कुल 6%
B--बसपा को 5% यानि कुल 0.45%
C--बीजेपी को 25% यानि 2.25%
D--अन्य को 0.3%
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4--ब्राह्मण वोट तकरीबन 9%

ब्राह्मण वोट का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 20% यानि कुल 1.8%
B--बसपा को 10% यानि कुल 0.9%
C--बीजेपी को 70% यानि 6.2%
D--अन्य को 0.1%
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5--राजपूत वोट तकरीबन 8%

राजपूत वोट का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 10% यानि 0.8%
B--बसपा को 5% यानि 0.4%
C--बीजेपी को 85% यानि 6.5%
D--अन्य को कुल 0.3%
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6--वैश्य, पंजाबी, कायस्थ, सिक्ख आदि व्यापारी वर्ग तकरीबन 5%

व्यापारी वर्ग का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 35% यानि 1.70%
B--बसपा को 5% यानि 0.25%
C--बीजेपी को 60% यानि 3%
D--अन्य को कुल 0.05%
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7---गुर्जर वोट तकरीबन 4%

गुर्जरो का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 50 % यानि 2%
B--बसपा को 20% यानि 0.8%
C--बीजेपी को 30 % यानि 1.1%
D--अन्य को कुल 0.1%
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8---अहीर वोट तकरीबन 4%

अहिरो का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 90% यानि  3.6%
B--बसपा को 2% यानि 0.08%
C--बीजेपी को 5 % यानि 0.2%
D--अन्य को कुल 0.12%
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9--लोधी वोट तकरीबन 3%

लोधी वोट का रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 10 % यानि 0.3%
B--बसपा को 10% यानि 0.3%
C--बीजेपी को 80 % यानि 2.3%
D--अन्य को कुल 0.1%
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10---त्यागी/रोड आदि अन्य किसान स्वर्ण जातियां तकरीबन 1%
इनका रुझान निम्नवत है।

A--सपा गठबंधन को 10 % यानि 0.1%
B--बसपा को 5% यानि 0.05%
C--बीजेपी को 80 % यानि 0.8%
D--अन्य को कुल 0.05%
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11--अति पिछड़ा/गैर जाटव दलित/अन्य ओबीसी वर्ग तकरीबन 15%

इनका रुझान निम्नवत नजर आ रहा है।

A--सपा गठबंधन को 20 % यानि 3.2%
B--बसपा को 10% यानि 1.5%
C--बीजेपी को 70 % यानि 10%
D--अन्य को कुल 0.3%
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इस प्रकार प्रथम चरण में 15 जिलो की 73 सीटों में मत प्रतिशत का रुझान निम्नवत नजर आया है


A--सपा गठबंधन----36.2%

B--बसपा को ---26.93%

C--बीजेपी को ---33.5%

D--अन्य को कुल 3.37%

इसे थोडा अलग अलग समाज के मतदान प्रतिशत के कम ज्यादा होने से भी जोड़कर देखा जाए तो संशोधित आंकड़ा लगभग यह रहेगा।

A--सपा गठबंधन----36 %

B--बसपा को ---28 %

C--बीजेपी को ---33 %

D--अन्य को कुल 3 %

इस प्रकार प्रथम चरण के 15 जिलो में 73 सीटों पर समाजवादी पार्टी,रालोद,कांग्रेस गठबंधन वाकई में हुआ तो इस इलाके में अहीर आबादी कम होते हुए भी सपा आश्चर्यजनक रूप से बीजेपी पर 3% वोट की बढ़त बनाए हुए है।

इसका कारण मुस्लिम मतो की सपा के पक्ष में गोलबन्दी,
जाट गूजरों को अधिक टिकट दिए जाने के बावजूद उनका बीजेपी से किनारा करना,
बीजेपी में कल्याण सिंह व् अन्य नेताओ द्वारा खराब टिकट वितरण करवाना,
नोटबन्दी से व्यापारी वर्ग में भारी नाराजगी होना,
बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए कोई लोकप्रिय चेहरा न दिया जाना होगा।।

हालाँकि बीजेपी अभी भी कुछ टिकटों में बदलाव करके, और जाट ,गूजरो व्यापारियो को साधकर इस कमी की भरपाई कर सकती है।।

फ़िलहाल इन 73 सीटों में सपा गठबंधन 30 से 32 सीट, बीजेपी 25 से 27 सीट, बसपा 15 से 17 सीट जीतती नजर आ रही है।

दूसरे चरण में मुकाबला रुहेलखण्ड में होगा जहाँ मुस्लिम वोट 35% से 52% के बीच हैं और अहीर मतदाता भी अधिक हैं,
यहाँ भी सपा का पलड़ा भारी रहने के आसार होंगे, पर ध्रुवीकरण से बीजेपी भी मुकाबले में होगी।।

(नोट---प्रथम चरण की 73 सीटो के अनुमान में सपा कांग्रेस रालोद गठबंधन मानकर आकलन किया गया है, रालोद इस गठबंधन से दूर हुआ तो प्रथम चरण में बीजेपी बढ़त पर होगी

अगर रालोद ,सपा गठबंधन में शामिल नही हुआ तो जाट वोट जो 6% सपा गठबंधन को मिलते वो बीजेपी और रालोद में बंट जाएंगे,
इस दशा में बीजेपी को इस प्रथम चरण की सीटो में लगभग 35% मत प्राप्त होंगे,
सपा कांग्रेस गठबंधन 30% मत प्राप्त करके दूसरे स्थान पर होगा, वहीँ 27% मत पाकर बसपा तीसरे स्थान पर रहेगी।

इस दशा में इन15 जिलो की 73 सीटों पर बीजेपी को 40-42 सीट , सपा गठबंधन को 18-20 सीट , बसपा को 10-12 सीट और रालोद व् अन्य को 2-4 सीट सीट मिल सकती है।।

Monday, January 9, 2017

क्या विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा ठगा जाएगा सहारनपुर का राजपूत समाज??

क्या सहारनपुर के राजपूत समाज के साथ धोखा होगा??--------

मित्रों सहारनपुर की देवबन्द विधानसभा पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों का सबसे बड़ा गढ़ रहा है, अधिकतर राजपूत ही यहाँ से विधायक रहे हैं और स्वर्गीय ठाकुर फूलसिंह जी और स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह राणा यहाँ से जीतकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

परिसीमन में इस सीट के 20 हजार राजपूत वोट समीप की गुर्जर बाहुल्य गंगोह सीट में जुड़ गए, जिससे देवबन्द में अब राजपूत वोट घटकर 40 हजार रह गए हैं और गंगोह में राजपूत वोट 25 हजार हो गए हैं।।

देवबन्द सीट पर त्यागी वोट 18 हजार, गुर्जर वोट 22 हजार और जाट वोट 5 हजार हैं जबकि 90 हजार मुस्लिम और 60 हजार दलित भी हैं

पिछली बार देवबन्द सीट पर समाजवादी पार्टी के स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह राणा जी जीतकर मंत्री बने थे, इस बार अभी तक उनकी पत्नी श्रीमती मीना राणा को सपा ने टिकट दिया था, पर उपचुनाव में इमरान मसूद के प्रत्याशी माविया अली मामूली अंतर से जीत गए थे क्योंकि राजपूत वोट बीजेपी और सपा के उम्मीदवारों के बीच बंट गए थे और वोटिंग प्रतिशत भी हिन्दू गाँवो में कम हुआ था।।

अब इस सीट पर राजपूतो के विरुद्ध बीजेपी और सपा दोनों में साजिश होने के समाचार मिल रहे हैं

सुना है इमरान मसूद का विधायक माविया अली लखनऊ में अखिलेश यादव गुट के सम्पर्क में है और समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने का उसे आश्वासन भी मिल गया है!!!!
बसपा ने भी इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार माजिद को टिकट दिया है ,और कांग्रेस अलग लडी तो वो भी किसी मुस्लिम को ही टिकट देगी,
ऐसे में उपचुनाव की तरह ही बीजेपी किसी राजपूत उम्मीदवार को टिकट देती है तो वो आसानी से सीट निकाल लेगा!!!!

लेकिन इस हालात में बीजेपी में राजपूत विरोधी सक्रिय हो गए हैं और सपा कांग्रेस बसपा तीनो के मुस्लिम उम्मीदवार होने के कारण राजपूतो की लाचारगी का फायदा उठाने के लिए अब देवबन्द सीट से गैर राजपूत को बीजेपी टिकट देने के मूड में है और मात्र 18 हजार वोट वाला त्यागी समाज व् 4 हजार वोट वाले सहारनपुर के सांसद राघव लखनपाल शर्मा के भाई राहुल भी मौके का लाभ उठाने के चक्कर में हैं

यही नही बसपा सरकार 2007-2012 में पुलिस के दम पर राजपूतो का उत्पीड़न करने वाला घोर राजपूत विरोधी पूर्व बसपा विधायक मनोज चौधरी गुज्जर भी अब बीजेपी में शामिल होकर उन्ही राजपूतो के वोट का ख्वाब देख रहा है जिनका उसने बसपा सरकार में दमन करने का प्रयास किया था!!!!!

इस गुज्जर नेता की वर्ष 2009 में किसी गांव में राजपूत विरोधी टिप्पणी के कारण राजपूतो ने जमकर धुनाई भी कर दी थी,
ऐसा घोर राजपूत विरोधी नेता भी राजपूतो की हिंदूवादी सोच का लाभ उठाकर राजपूत बाहुल्य देवबन्द विधानसभा सीट से विधायक बनने का ख्वाब देख रहा है!!!!!!!!
बराबर की गंगोह विधानसभा से भी बीजेपी गुज्जर उम्मीदवार प्रदीप चौधरी को टिकट दे रही है,

और राजपूतो को मुर्ख बनाने के लिए देवबन्द की बजाय एक ऐसी सीट सहारनपुर देहात से टिकट दिया जा रहा है जहाँ मोदी लहर में भी कुछ दलित वोट भी पाने के बावजूद बीजेपी 2014 में पिछड़ गयी थी!!!!!
उस सीट पर कोई भी बीजेपी उम्मीदवार चुनाव नही जीत सकता,
पर राजपूतो को मुर्ख बनाने के लिए देवबन्द की बजाय सहारनपुर देहात जैसी बेहद कमजोर सीट से टिकट दिया जा सकता है!!!!!!!

क्या सहारनपुर का राजपूत समाज अपने साथ होने वाले इस धोखे को चुप रहकर बर्दाश्त करे या कोई अलग रणनीति पर विचार करे????