आज एक महान राजपूत युवा ने राजस्थान के मौजूदा विवाद पर ऐसा गूढ़ ज्ञान दिया,कि मैं धन्य हो गया 😢😢 😢😢
आप भी पढ़िए और अपना माथा पीटये!!!!!!!!
उसके अनुसार दरअसल कुलकलंका अपने पिता की इकलौती संतान थी,अगर उसका विवाह किसी दुसरे वंश में किया गया होता तो अरबों खरबो की संपत्ति दूसरे वंश के कब्जे में चली जाती,
इसलिए पुश्तैनी जायदाद बचाने के लिए कुलकलंका ने अपने ही वंश में सगोत्र विवाह कर लिया!!!!!😢😢
मतलब जिस बाप की भी इकलौती संतान बेटी हो,वो अपनी जायदाद बचाने को घर परिवार में ही उसे ब्याह दे!!!!!!!!!!!
😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷
उस खाजपुत का यह कुतर्क पढ़ते ही मैं एकदम से किंकर्तव्यविमूढ़ सा हो गया!!!!
थोड़ी देर में जब होश आया तो बहुत पहले पढ़ा हुआ एक लेख याद आ गया जिसमें किसी पुराण के हवाले से लिखा था कि कलयुग में क्षत्रिय नही होंगे,
वो मिट जाएंगे,
शूद्र/म्लेच्छ क्षत्रियो के वेश में प्रकट होंगे और क्षत्रिय होने का दावा करेंगे!!!!
अनेक इतिहासकारो ने पुराणों के इस कथन को निराधार माना है,मैं भी अब तक इसे निराधार असत्य मानता था,
किन्तु हाल ही में इस अरबपति कुलकलंका को समर्थन देने के लिए राजपूत संगठनो और उनके नेताओं में मची होड़ ने फिर से आत्ममंथन को मजबूर कर दिया है,
कि------
क्या पुराणों का वो कथन सही था????
क्या राजपूत वाकई में क्षत्रिय हैं????
जब क्षत्रियोचित आचरण ही नही है तो काहें के क्षत्रिय????
और क्षत्रिय तो छोड़िये,अब राजपूत भी नही बचे!!
अबे गोले हो गए गोले,
गोले गुलाम का मतलब समझते हो न?????
गोला, गुलाम मतलब हरामी,वर्णसंकर,गन्दा खून👊👊👊👊
अब इस घटना के बाद यह सिद्ध करना और मुश्किल हो जाएगा कि हम वाकई में राम कृष्ण के वंशज हैं
😢😢😢😢😢😢😢😢
माफ़ करना भाइयो आज मन बहुत उदास है बुरा लगा हो तो क्षमा चाहूँगा,😢😢😢😢
आप भी पढ़िए और अपना माथा पीटये!!!!!!!!
उसके अनुसार दरअसल कुलकलंका अपने पिता की इकलौती संतान थी,अगर उसका विवाह किसी दुसरे वंश में किया गया होता तो अरबों खरबो की संपत्ति दूसरे वंश के कब्जे में चली जाती,
इसलिए पुश्तैनी जायदाद बचाने के लिए कुलकलंका ने अपने ही वंश में सगोत्र विवाह कर लिया!!!!!😢😢
मतलब जिस बाप की भी इकलौती संतान बेटी हो,वो अपनी जायदाद बचाने को घर परिवार में ही उसे ब्याह दे!!!!!!!!!!!
😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷
उस खाजपुत का यह कुतर्क पढ़ते ही मैं एकदम से किंकर्तव्यविमूढ़ सा हो गया!!!!
थोड़ी देर में जब होश आया तो बहुत पहले पढ़ा हुआ एक लेख याद आ गया जिसमें किसी पुराण के हवाले से लिखा था कि कलयुग में क्षत्रिय नही होंगे,
वो मिट जाएंगे,
शूद्र/म्लेच्छ क्षत्रियो के वेश में प्रकट होंगे और क्षत्रिय होने का दावा करेंगे!!!!
अनेक इतिहासकारो ने पुराणों के इस कथन को निराधार माना है,मैं भी अब तक इसे निराधार असत्य मानता था,
किन्तु हाल ही में इस अरबपति कुलकलंका को समर्थन देने के लिए राजपूत संगठनो और उनके नेताओं में मची होड़ ने फिर से आत्ममंथन को मजबूर कर दिया है,
कि------
क्या पुराणों का वो कथन सही था????
क्या राजपूत वाकई में क्षत्रिय हैं????
जब क्षत्रियोचित आचरण ही नही है तो काहें के क्षत्रिय????
और क्षत्रिय तो छोड़िये,अब राजपूत भी नही बचे!!
अबे गोले हो गए गोले,
गोले गुलाम का मतलब समझते हो न?????
गोला, गुलाम मतलब हरामी,वर्णसंकर,गन्दा खून👊👊👊👊
अब इस घटना के बाद यह सिद्ध करना और मुश्किल हो जाएगा कि हम वाकई में राम कृष्ण के वंशज हैं
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माफ़ करना भाइयो आज मन बहुत उदास है बुरा लगा हो तो क्षमा चाहूँगा,😢😢😢😢
राठौड,कछवाहा,सिसोदिया यह सब भगवान राम की संताने है.....कछवाहा और सिसोदिया महाराज कुश की संताने और राठौड महाराज लव के...क्या इनमें विवाह नही होता क्या...और शास्त्रो मे उल्लेख है पिता की सातवीं पीढी और माता की छटी पीढी को छोडकर विवाह किया जाये तो गलत नही तो आप क्यु खुद राजपूत होकर किसी राजपूत नारी पर किचड उछाल रहे हो
ReplyDeleteआपकी बात का जवाब आदरणीय रतनसिंह जी ने दे दिया है पढ़ लीजिये,
Deleteऔर एक अपराध को छुपाने के लिए कृपया कुतर्क न दें
भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से होता है.....जबकि रिश्ते में कुंती कृष्ण की भुआ थी...तो इसका मतलब सुभद्रा अर्जुन की भतीजी थी....तो भी विवाह हुआ वो चंन्द्रवंशी राजपूत थे..पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता से विवाह किया वो संयोगिता उनके मौसेरे भाई जयचंद की लडकी थी.....क्या इन सबको गोला कहोगे आप
ReplyDeleteभगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से होता है.....जबकि रिश्ते में कुंती कृष्ण की भुआ थी...तो इसका मतलब सुभद्रा अर्जुन की भतीजी थी....तो भी विवाह हुआ वो चंन्द्रवंशी राजपूत थे..पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता से विवाह किया वो संयोगिता उनके मौसेरे भाई जयचंद की लडकी थी.....क्या इन सबको गोला कहोगे आप
ReplyDeleteपृथ्वीराज जयचंद पर इतिहास पढ़ो, आपकी यह ग़लतफ़हमी अपने आप दूर हो जायेगी.
Deleteजयचन्द्र पृथ्वीराज चौहान के मौसा थे यह मिथ्या प्रचार था और ऐतिहासिक शोध से झूठ सिद्ध हुआ है सबसे प्रमाणिक ग्रन्थ पृथ्वीराज विजय के अनुसार पृथ्वीराज की माता दिल्ली की अनंगपाल तंवर की पुत्री नही चेदि की हैहयवंशी कलचुरी राजपूत थी
Deleteराठौड,कछवाहा,सिसोदिया यह सब भगवान राम की संताने है.....कछवाहा और सिसोदिया महाराज कुश की संताने और राठौड महाराज लव के...क्या इनमें विवाह नही होता क्या...और शास्त्रो मे उल्लेख है पिता की सातवीं पीढी और माता की छटी पीढी को छोडकर विवाह किया जाये तो गलत नही तो आप क्यु खुद राजपूत होकर किसी राजपूत नारी पर किचड उछाल रहे हो
ReplyDeleteदिव्यराज सिंह जी आप गलत बहस कर रहे है, और गलत उल्लेख कर रहे है|
Deleteएक ही वंश में 100 पीढियां होने के बाद विवाह किया जा सकता है जैसे आपने तर्क दिया कि राठौड,कछवाहा,सिसोदिया यह सब भगवान राम की संताने है और इनमें आपस में विवाह होता है, सो बंधू इनमें 100 से ज्यादा पीढियां हो गई|
आपने पिता की सातवीं पीढी और माता की छटी पीढी को छोडकर विवाह करने का जो तर्क दिया है, वह कुतर्क है| क्षत्रिय समाज में ऐसा कदापि नहीं होता.
एकदम सत्य कथन हुकुम,
Deleteऐसी घटनाओ से दिव्यराज जी जैसी सोच क्षत्रिय युवाओ में आनी लाजिमी है और ऐसी शर्मनाक घटनाए कुतर्क देकर तर्कसंगत बताई जाएंगी इनका सख्ती से खण्डन आवश्यक है कोई अपनी ख़ुशी से क्षत्रिय समाज को छोड़कर जाना चाहे तो उसकी मर्जी
ईतीहास को मैं कैसै मानलु जीसमे मुस्लिम राज को बताया है मुझे तो न ईतीहास भरोसे मत रहो ,
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