Tuesday, September 13, 2016

जो क्षत्रिय हितैषी नही,उनका कैसा महिमामण्डन??


आपको याद होगा करीब एक वर्ष पहले दादरी के राजपूत बाहुल्य बिसहाड़ा गांव में गौहत्या को लेकर विवाद हुआ था और अख़लाक़ नाम के व्यक्ति की जान चली गयी थी...

कुछ दिन पहले फोरेंसिक laboratory जाँच में आया है कि अखलाख के घर से बरामद गौमांस अवशेष ही था,
लेकिन उस घटना को मोदी विरोधी पत्रकारो द्वारा अपनी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से अलग ही रंग दे दिया गया था।।। #presstitutes
उनके द्वारा गौहत्या के आक्रोश के कारण संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत से जुड़े मामले को बीफ खाने की अफवाह के कारण हत्या के रूप में प्रचारित कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया था,
हालाँकि कानून अपने हाथ में लेना गलत था,

ऐसे ही पत्रकारों में एक थे श्रीपाल शक्तावत जी,
उन्होंने लगातार इस मुद्दे पर एकपक्षीय लिखा था,
मुझे याद है उन्होंने अपनी वॉल पर लिखा था कि
"बीफ के बहाने इंसानियत की हत्या","नरेंद्र मोदी जवाब दें"....

ऐसी ही एक के बाद एक कई पोस्ट में वो इस मुद्दे पर लिखकर बिना किसी जाँच के उस गांव के बहुसंख्यको(राजपूतो) को कटघरे में खड़ा करते रहे और दूसरे अल्पसंख्यक पक्ष को क्लीन चिट देते रहे!!

जब उनकी फेसबुक वॉल पर जाकर राजपूतो ने उनसे दुष्प्रचार न करने का आग्रह किया था तो उन्होंने दर्जनों राजपूतों को ब्लॉक कर दिया था!!
बिना जाँच के बिसहाडा के राजपूतो को हत्यारा मानकर और उनके द्वारा बताए गए गौहत्यारो से सहानुभूति दिखाकर ये कौन सा फर्ज निभा रहे थे????

इन महाशय जी की वॉल पर उस समय नजर दौड़ाई तो पता लगा कि ये महाशय modinomia से ग्रसित है और कुछ नही। पैथोलॉजिकल hatred है इनमे मोदी और भाजपा के प्रति!!
सेकुलरिज्म का चसका है।
कोई तर्क वादी बात नही करते ना ही कोई जमीनी ज्ञान है।
सारे लुटियन की मीडिया वाले लक्षण है जिन्हें आता कुछ नही, show off करने के लिये सेक्युलर बनते हैँ।
मोदी से खुन्नस निकालने को मीडिया के झूठ पर भी आँख मूंद कर विश्वास करने को तैयार हैँ।

यहां तक की उन्होंने उस मुद्दे पर राजपूतों के बहुत से शालीन कमेंट तक को डिलीट कर दिया क्योंकि वो इनकी बात से असहमत थे!!
इनके जैसो पत्रकारों की एकपक्षीय रिपोर्टिंग से बने दबाव के कारण ही आज बिसहाडा के दर्जनों राजपूत युवा हत्या के केस में फंसे हुए हैं....

कम से कम इनके उस आचरण को देखकर किसी भी दृष्टि से ये राजपूत हितैषी नजर नही आए,
अगर राजपूत हितैषी होते तो उस घटना को लेकर मिडिया के एक वर्ग के दुष्प्रचार का खण्डन करके सही तथ्य सामने लाते.
या हो सकता है कि ये जातिवादी तो हों पर इनका जातिवाद एक क्षेत्र विशेष तक सिमित हो!!!!

आज राजपूत बन्धुओं द्वारा सोशल मिडिया पर किन्ही श्रीपाल शक्तावत जी को आज तक चैनल में विशेष संवाददाता के रूप में नियुक्त होने के बधाई सन्देश देखे तो एकाएक वो प्रकरण याद आ गया😥😥

मुझे नही पता कि ये वो ही श्रीपाल शक्तावत जी वो ही हैं या दूसरे कोई और हैं??

अगर वहीँ हैं तो एकदम सही चैनल में गए हैं⛳⛳
इन्हें बधाई

जय राजपूताना

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