Saturday, September 24, 2016

अंतर्जातीय प्रेम विवाहों की समाज में बढ़ती घटनाएं,इसका निदान क्या हो?

अंतर्जातीय/गैरसम्प्रदाय में प्रेम विवाह की बढ़ती घटनाएं----

प्रेम विवाह ,अंतर्जातीय विवाह ,गैर सम्प्रदाय में विवाह की घटनाएं आजकल आम बात हो गयी है और कोई भी समाज इससे अछूता नही है,यहाँ तक कि क्षत्रिय समाज भी नही।।

आधुनिकता के नाम पर आजकल युवक युवतियों के स्वच्छन्द व्यवहार ,संस्कारो के आभाव,अभिभावको की लापरवाही/प्रोत्साहन से ऐसी घटनाएं खूब बढ़ती जा रही हैं,वर्णसंकरता फैलने से क्षत्रियत्व का हास हो रहा है।
अक्सर नौजवान माँ बाप की इज्जत चौराहे पर नीलाम कर उनकी जगहंसाई करवाने से जरा भी नही चूकते।।

किसी के परिवार/रिश्तेदारी में यह घटना कभी भी नही होगी यह नही कहा जा सकता!!
किन्तु ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना किसी के परिवार में हो जाए और उसमे उस परिवार का कोई योगदान न रहा हो तो इसके लिए किसी को शर्मिंदा करना या उसकी भर्त्सना करना अनुचित है।कई ऐसे माँ बाप भाई बहन जीवन भर तिरस्कार और अपमान झेलते हैं जिनके परिवार में कोई ऐसी घटना हुई हो जबकि उन्होंने इसे रोकने का पूरा प्रयास भी किया,
यह मेरी नजर में बिलकुल अनुचित है।।

परिवार में हुई ऐसी घटना होने के बाद ऑनरकिलिंग या हिंसा  भी सही नही कही जा सकती क्योंकि किसी एक की नालायकी से बाकि बचा पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है और मुकदमों/सजा से कैरियर बर्बाद होते हैं।।
मैंने ऐसे कई परिवार देखे हैं जो पहले ध्यान नही देते और बाद में विवाह होने के बाद हिंसा का सहारा लेते हैं और मुकदमेबाजी में फंसने के बाद सामने वाले परिवार से सजा से बचने के लिए मजबूरी में समझौता कर लेते हैं 😢😢
हो सकता है आपको मेरा यह कथन कायरता पूर्ण लगे,किन्तु व्यवहारिकता यही है जो लिखा है।

इसलिए अपनी संतान/अनुजो को ऐसी शिक्षा और संस्कार दें कि प्रेमविवाह जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न हों ,
माँ बाप और बड़े भाई बहन खुद ऐसा आचरण रखें जिससे ऐसा घृणित कार्य करते हुए संतान दस बार सोचे,

गैर समाज में प्रेमविवाह से पूर्व हर सम्भव प्रयास करना चाहिए उसे रोकने का,
फिर भी कोई ऐसी दुर्घटना हो जाए और हाथ से मामला निकल जाए तो बजाय क़ानूनी पचड़ों के उस नामुराद से परिवार और रिश्तेदारो को सम्बन्ध विच्छेद और बहिष्कार करना ही पर्याप्त है।।

किन्तु ऐसा घृणित कार्य करने के बाद इन अंतर्जातीय/अंतरधार्मिक/सगोत्र विवाह करने वाले जोड़ों से सम्बन्ध बनाए रखना,और उन्हें मान्यता देने का अर्थ यही है कि कहीं न कहीं इस शर्मनाक घटना में आपकी संलिप्प्ता अवश्य है और आपने स्वयं अपने चरित्र से परिवार में कोई अच्छा उदाहरण पेश नही किया और न ही अपनी संतान को संस्कार दिए हैं,
एक बार ऐसी घटनाओं के बाद भी सम्बन्ध बनाए रखे तो उस परिवार में और उनकी रिश्तेदारी में ऐसी कई और घटनाए एक के बाद एक होती हैं और उन्हें रोकने का फिर कोई नैतिक बल नही रह जाता।।

हाल ही में सोशल मिडिया पहलवान अजीत सिंह का मुद्दा सुर्ख़ियो में है,
जो शख्स दिन भर हिंदुत्व का जाप करके दूसरे सम्प्रदाय को गालियां देने में व्यस्त रहता है और हर मुद्दे पर मोदी सरकार का बेशर्मी से बचाव करता था,
उसके बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि उसकी खुद की बहन ने उसी सम्प्रदाय के युवक से प्रेम विवाह किया है जिसको दिन भर ये पहलवान सोशल मिडिया पर गालियां देकर खुद को बड़ा हिंदुत्ववादी बनता है 🙊🙊🙊🙊

चलिए हो सकता है ये प्रेमविवाह इसके परिवार की मर्जी से न हुआ होगा तो इसकी भर्त्सना अनुचित है,
लेकिन यहाँ भी खुलासा हुआ है कि इसका परिवार अपनी उस बहन के गैर सम्प्रदाय वाले परिवार से पूरी तरह न सिर्फ जुड़ा है बल्कि उनसे सारे रिश्ते भी निभाता है,
अब ऐसे व्यक्ति का जो दिन भर सोशल मिडिया पर हिंदुत्व और मोदिभक्ति का पाठ पढ़ाए खुद के जीवन में कैसा आचरण करता है आप स्वयं देख लीजिये,

ऐसे धूर्त दुष्टों का अवश्य सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए,यह मेरी राय है जरूरी नही कि आप मुझसे सहमत हों।
आप अपनी राय से जरूर अवगत करायें।

जय श्रीराम 

8 comments:

  1. ये विकराल समस्या है और इसका निदान संतान को प्रारम्भ से ही क्षत्रिय संस्कृति और संस्कारो का ज्ञान देने से ही सम्भव हो पाएगा,
    माँ बाप बड़े भाई भी उदाहरण पेश करे छोटो के आगे

    ReplyDelete
  2. Subramnyam swami bhi to yahi kar rhe , unki beti bhi to musallon se byahi hai
    ~rajashvi

    ReplyDelete
    Replies
    1. हुकुम सही कहा आपने

      Delete
  3. ye ajit singh kaun hai bhai?

    ReplyDelete
    Replies
    1. सोशल मिडिया पर हिंदुत्व का ठेकेदार

      Delete
  4. राजपूत समाज आज भी अपने सामाजिक संगठन में काम करने वाले को मौका नही देती उल्टा जो रसूखदार राजपूत होते है उनको ही संगठन की जिम्ममेदारी सौपते है जो न समाज समझते है ना ही जिम्मेदारी बस वो पद को पावर के लिए यूज़ के लिए करते हैं कमजोरो को दबाते है तो कहाँ से राजपूत समाज आगे बढ़ेगा

    ReplyDelete
  5. Kisi b caste se phle sbhi insaan h or insaniyat se bda koi dharam nhi h iss duniya me

    ReplyDelete
  6. मैं भी आपके विचारो से सहमत हूं लेकिन सम्सया बहोत बढती जा रही है इसे रोकना आवश्यक है नहीं तो वो दीन दूर नही की हमारे समाज को सभी अल्पसंख्यक कह के बोले

    ReplyDelete