जल्दी ही महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर मूवी आ रही है,
सुना है इसके लिए धोनी को 8 करोड़ रुपया दिया गया है (?)
मिल्खा सिंह (राठौर) को भी उनके जीवन पर बनी मूवी के लिए 2 करोड़ रुपया ऑफर हुआ था,
पर उन्होंने सिर्फ एक रुपया सांकेतिक रूप में लिया था,
किसी भी जिन्दा व्यक्ति के जीवन पर उसी नाम से बिना उसकी अनुमति के बिना स्क्रिप्ट पर सहमति के कोई मूवी नही बन सकती,
हाँ किरदार का नाम बदल दिया जाए और #disclaimer चलाया जाए वो अलग बात है ,
इसी तरह किसी ऐतिहासिक चरित्र पर कोई उसके असली नाम से बनाई जाए तो उसके मौजूदा वंशज चाहें तो निर्माता को अदालत में घसीट सकते हैं
मेवाड़ के महाराणा अरविन्द सिंह मेवाड़ और उनके सुपुत्र लक्ष्यराज सिंह इतने प्रभावी हैं कि कोई फ़िल्मी भांड उनके यशस्वी पूर्वजो पर वास्तविक ऐतिहासिक घटनाओं से छेड़छाड़ करके मूवी बना ले ,सम्भव ही नही है!!
ऐसा कोई डायरेक्टर/प्रोड्यूसर/फाइनेंसर बॉलीवुड में नही है जो महाराणा अरविन्द सिंह मेवाड़ या कुंवर लक्ष्यराज सिंह को न जानता हो या उनकी बात को टाल सकता हो!!!
आज देशभर का राजपूत समाज संजय लीला भंसाली द्वारा अपनी आने वाली फ़िल्म में वीरांगना पदमावती का गलत चित्रण किये जाने से आहत है और आंदोलन की तैयारी में है!!!
अगर महाराणा मेवाड़ इस मूवी को रुकवाना चाहे या इसकी स्क्रिप्ट में वास्तविक ऐतिहासिक घटना के अनुरूप बदलवाना चाहें तो उनके लिए मामूली बात है,
अगर वो प्रयास नही करते तो क्या ये मान लिया जाए कि इसके लिए उनकी कोई सहमति है????
सुना है इसके लिए धोनी को 8 करोड़ रुपया दिया गया है (?)
मिल्खा सिंह (राठौर) को भी उनके जीवन पर बनी मूवी के लिए 2 करोड़ रुपया ऑफर हुआ था,
पर उन्होंने सिर्फ एक रुपया सांकेतिक रूप में लिया था,
किसी भी जिन्दा व्यक्ति के जीवन पर उसी नाम से बिना उसकी अनुमति के बिना स्क्रिप्ट पर सहमति के कोई मूवी नही बन सकती,
हाँ किरदार का नाम बदल दिया जाए और #disclaimer चलाया जाए वो अलग बात है ,
इसी तरह किसी ऐतिहासिक चरित्र पर कोई उसके असली नाम से बनाई जाए तो उसके मौजूदा वंशज चाहें तो निर्माता को अदालत में घसीट सकते हैं
मेवाड़ के महाराणा अरविन्द सिंह मेवाड़ और उनके सुपुत्र लक्ष्यराज सिंह इतने प्रभावी हैं कि कोई फ़िल्मी भांड उनके यशस्वी पूर्वजो पर वास्तविक ऐतिहासिक घटनाओं से छेड़छाड़ करके मूवी बना ले ,सम्भव ही नही है!!
ऐसा कोई डायरेक्टर/प्रोड्यूसर/फाइनेंसर बॉलीवुड में नही है जो महाराणा अरविन्द सिंह मेवाड़ या कुंवर लक्ष्यराज सिंह को न जानता हो या उनकी बात को टाल सकता हो!!!
आज देशभर का राजपूत समाज संजय लीला भंसाली द्वारा अपनी आने वाली फ़िल्म में वीरांगना पदमावती का गलत चित्रण किये जाने से आहत है और आंदोलन की तैयारी में है!!!
अगर महाराणा मेवाड़ इस मूवी को रुकवाना चाहे या इसकी स्क्रिप्ट में वास्तविक ऐतिहासिक घटना के अनुरूप बदलवाना चाहें तो उनके लिए मामूली बात है,
अगर वो प्रयास नही करते तो क्या ये मान लिया जाए कि इसके लिए उनकी कोई सहमति है????
https://en.wikipedia.org/wiki/Arvind_Singh_Mewar
ReplyDeletehttps://en.wikipedia.org/wiki/Mahendra_Singh_Mewar
अरविन्द सिंह मेवाड़ के महाराणा नहीं है, पर देश विदेश में उन्हें ही महाराणा माना जाता है, उनके सम्बन्ध में फिल्मों वालों से है पर ये लोग व्यवसायिक है, इन्हें कुछ लेना देना नहीं, ये लोग सिर्फ कमाई के बारे में सोचते है|
ReplyDeleteहाँ मेवाड़ में महाराणा महेंद्र सिंह जी तक यह चर्चा पहुँच चुकी है, क्षत्रिय महासभा के मुंबई अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह इस फिल्म में सही इतिहास दिखाया जाना सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयासरत है.
हुकुम फ़िल्म वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों पर बने तो राजपूतो का गौरव ही बढ़ेगा,पर संजय लीला भंसाली का इतिहास देखते हुए ऐसा नही लगता कि वो वास्तविक इतिहास दिखाएगा
Deleteराजपूतों और राजपूताना का सही चित्रण आवश्यक है चाहे वो इतिहास की किताबों में हो या फिर फिल्मों या टीवी चैनल पर । बहुत तकलीफ होती है जब सचमुच महान कहे जाने योग्य महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा और महाराणा प्रताप जैसे आदरणीय शासकों की बजाय नृशंस हत्यारे तुर्कों, मुगलों अथवा हुणों का महिमामंडन होता है और देश के स्थानों के नाम उनके नाम पर रखे जाते हैं।
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