Monday, October 3, 2016

इस बार भी बम्पर मतों से जीतेंगे हिन्दू हृदय सम्राट संगीत सोम

आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के फायरब्रांड नेता ठाकुर संगीत सोम को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है,
सरधना विधानसभा सीट पर पहले ही घोषित सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान मुकाबले से बाहर थे,
मुख्य मुकाबला संगीत सोम और बसपा के विवादित कट्टरपंथी नेता हाजी याकूब कुरैशी के पुत्र इमरान कुरैशी के बीच ही था,पर मुस्लिम मतो में अतुल प्रधान की सेंधमारी से संगीत सोम भारी मतों से जीतते नजर आ रहे थे।।

अतुल प्रधान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी युवा नेता है और आज सपा के प्रदेश अध्यक्ष और अखिलेश के चचा शिवपाल यादव ने अतुल प्रधान समेत अखिलेश के कई करीबियों के टिकट काट दिए हैं,

अतुल प्रधान (गुर्जर) का टिकट काटकर पिंटू राणा को दिया गया है जो राजपूत समाज से है,सपा जानती है कि वो इस सीट पर मुकाबले से बिलकुल बाहर है पर हर हाल में उसका लक्ष्य संगीत सोम को विधानसभा पहुंचने से रोकना है,भले ही बसपा यहाँ जीत जाए,
इसीलिए अतुल प्रधान का टिकट काटकर पिंटू राणा को राजपूत वोट काटने के लिये खड़ा किया गया है।।

इस परिवर्तन से जहाँ पिंटू राणा करीब 5 हजार अधिकतम राजपूत वोट काट सकते हैं जो संगीत सोम से नाराज होने के कारण अतुल प्रधान को भी मिलते,
लेकिन अतुल प्रधान का टिकट कटने से संगीत सोम को गुर्जरो के कम से कम 15 हजार अतिरिक्त वोट मिलेंगे जो पहले अतुल प्रधान को मिलने थे,
इसका प्रमुख कारण यह भी है कि कुछ दिनों पहले प्रधान के समाज की एक लड़की को गैर सम्प्रदाय के युवक द्वारा ले जाने के मुद्दे पर संगीत सोम ने उनका डटकर साथ दिया था जबकि अतुल ने चुप्पी साध ली थी,संगीत सोम की कड़ी चेतावनी से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और वो हिन्दू बेटी अपने घर आ गयी।।

इस स्थिति में अतिरिक्त गूजर वोट संगीत सोम को मिलेंगे जो निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं,

लेकिन अतुल प्रधान को मिलने वाले अधिकतम 15-20 हजार मुस्लिम वोट भी अब बसपा के कुरैशी को मिलेंगे जिससे सरधना विधानसभा में बीजेपी और बसपा में सीधा जोरदार मुकाबला होने की सम्भावना है,

लेकिन इतना तय है कि ध्रुवीकरण में इस बार भी ठाकुर संगीत सिंह सोम जबरदस्त जीत हासिल करके अपने सभी राजनैतिक विरोधियो को करारी मात देने में सफल होंगे क्योंकि जनसम्पर्क और समर्थकों के लिए जान लड़ा देने का जो जज्बा संगीत सोम में हैं वो पुरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी और नेता में नही है।

अतुल प्रधान के लिए भी यह टिकट कटना एक बड़ा सबक है,उन्होंने पुरे 5 साल तक संगीत सोम की राह में कांटे बिछाने का प्रयास किया,कई झूठे मामलो में सत्ता का सहारा लेकर सोम और उनके परिवार को फंसाने की पूरी कोशिस की,लेकिन उसे कभी कामयाबी नही मिली,
उसने राजपूतो में भी कुछ स्वार्थी तत्वों का सहारा लेकर सेंधमारी का प्रयास किया पर सफलता नही मिली,
उल्टा संगीत सोम ने गुर्जर समाज के बन्धुओं की लड़ाई लड़कर उनके दिलों में अपनी जगह बना ली,संगीत सोम की छवि देश भर में हिन्दू हृदय सम्राट की है वहीं अतुल प्रधान 5 साल सपा की सरकार और अखिलेश से नजदीकी का लाभ उठाकर भी अपने समाज तक का दिल नही जीत पाए।

अतुल प्रधान को अगर लम्बी राजनीती करनी है तो उसे संगीत सोम के संघर्ष और जूनून से बहुत कुछ सीखना पड़ेगा।

2 comments:

  1. सत्य,इनकी जीत सुनिश्चित हे।
    पिछली बार की तरह इस बार भी रिकॉर्ड मतो से जीत दर्ज होगी ।

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  2. 100% जीत सुनिश्चित हैं, कुछ बिकाऊ राजपूत विरोध करेंगे

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