स्वर्गीय मेजर ध्यानचन्द्र सिंह बैंस जी की जयंती के अवसर पर उनको कोटि कोटि नमन,
सचिन तेंदुलकर से बेहतर रिकॉर्ड होते हुए भी कभी इन्हें भारत रत्न नही दिया गया,वो भी खेल मंत्रालय की प्रबल संस्तुति के बावजूद!!!!!
किन्तु स्वर्गीय ध्यानचन्द्र की कीर्ति किसी भारत रत्न की मोहतज नही है
एक ऐसा रत्न जिसने राष्ट्रभक्ति के लिए एडोल्फ हिटलर तक का सुनैहरा प्रस्ताव ठुकरा दिया था,जो उनके खेल से अभिभूत होकर उन्हें जर्मनी की ओर से खेलने और सेना में फील्ड मार्शल बनाने को तैयार था ,
उसी बर्लिन ओलम्पिक हॉकी फाइनल मैच को देखकर जिसमे ध्यानचन्द्र की टीम ने हिटलर की आंखो के सामने ही जर्मनी को 8-1 से रौंदकर स्वर्ण पदक जीता था!!
काश ध्यानचन्द्र जाति से दलित/ओबीसी/ब्राह्मण/मुस्लिम होते ........
सचिन तेंदुलकर से बेहतर रिकॉर्ड होते हुए भी कभी इन्हें भारत रत्न नही दिया गया,वो भी खेल मंत्रालय की प्रबल संस्तुति के बावजूद!!!!!
किन्तु स्वर्गीय ध्यानचन्द्र की कीर्ति किसी भारत रत्न की मोहतज नही है
एक ऐसा रत्न जिसने राष्ट्रभक्ति के लिए एडोल्फ हिटलर तक का सुनैहरा प्रस्ताव ठुकरा दिया था,जो उनके खेल से अभिभूत होकर उन्हें जर्मनी की ओर से खेलने और सेना में फील्ड मार्शल बनाने को तैयार था ,
उसी बर्लिन ओलम्पिक हॉकी फाइनल मैच को देखकर जिसमे ध्यानचन्द्र की टीम ने हिटलर की आंखो के सामने ही जर्मनी को 8-1 से रौंदकर स्वर्ण पदक जीता था!!
काश ध्यानचन्द्र जाति से दलित/ओबीसी/ब्राह्मण/मुस्लिम होते ........
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