वेस्ट यूपी में शामली जिले की थानाभवन सीट------
कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे होते हैं जहाँ किसी व्यक्तित्व के प्रभाव से जातिगत समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं, ऐसी ही एक सीट है शामली की थानाभवन सीट जहाँ अपनी लोकप्रियता के दम पर वर्तमान विधायक सुरेश राणा सामाजिक समीकरणों को धता बताकर पुन: जीतने जा रहे हैं और यूपी में बीजेपी सरकार बनी तो कैबिनेट मंत्री भी अवश्य बनेंगे।
पिछली बार सुरेश राणा नए थे और मुस्लिम मतों में बंटवारे की वजह से मामूली अंतर से जीत पाए थे, इस बार मुजफ्फरनगर शामली इलाके में हुए साम्प्रदायिक तनाव से उनकी और संगीत सोम की छवि हिन्दू हृदय सम्राट की बन चुकी है। अब उनकी लोकप्रियता और पहचान राष्ट्रव्यापी हो चुकी है, इस बार इन्हें उन वर्गों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है जो गत चुनाव में नही मिल पाया था,
बसपा ने इस सीट से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस खान (मुस्लिम राजपूत) को, सपा ने डॉक्टर सुधीर पवार (जाट समाज से) को, और रालोद ने राव जावेद खान (मुस्लिम राजपूत) को टिकट दिया है, इस बार मुस्लिम मतों में बिखराव पहले की अपेक्षा कम है,
सपा उम्मीदवार को जाट मतदाताओं का समर्थन मुजफ्फरनगर दंगो में सपा सरकार की भूमिका के कारण नही मिल पा रहा है,
जाट वोट का बहुमत भी सुरेश राणा को मिल रहा है।
थानाभवन सीट का सामाजिक समीकरण और रुझान निम्नवत दिखाई दे रहा है-----
95,000 मुस्लिम
45,000 जाट
45,000 दलित
24,000 राजपूत
35,000 कश्यप
30,000 सैनी
10000 ब्राह्मण
10000 वैश्य व्यापारी
4000 रोड
30000 अतिपिछड़ा ,वाल्मीकि आदि
बसपा उम्मीदवार राव अब्दुल वारिस का समीकरण---
मुस्लिम---65000
दलित ---35000
अन्य---5000
कुल--105000 इनका वोट प्रतिशत होगा 70%==71000
बसपा उम्मीदवार को कुल 70000--75000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।
सपा उम्मीदवार--डॉक्टर सुधीर पवार का समीकरण
मुस्लिम--10000
जाट--10000
अन्य---5000
टोटल 25000 इनका वोट प्रतिशत होगा 55%=14000
सपा उम्मीदवार को 13000--15000 वोट मिलता दिखाई दे रहा है, इनकी जमानत बचना भी मुश्किल है।
रालोद उम्मीदवार राव जावेद का समीकरण---
मुस्लिम --15000
जाट--15000
अन्य--5000
कुल 35000, इनका वोट प्रतिशत होगा 62%=23000
रालोद उम्मीदवार को 20000--25000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।
बीजेपी उम्मीदवार सुरेश राणा का समीकरण---
मुस्लिम--1000
दलित--9000
जाट--24000
सैनी--25000
कश्यप--29000
ठाकुर--22000
अन्य हिन्दू--45000
कुल--155000 ,इनका वोट प्रतिशत होगा 58%=90000
बीजेपी उम्मीदवार को 87000--90000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं,
इस प्रकार कम से कम 15 हजार वोट से सुरेश राणा की विजय होगी,
किन्तु मुस्लिम वोट पूरी तरह एकजुट होकर बसपा प्रत्याशी पर पड गया या जाट/दलित मतदाताओ में बीजेपी को अधिक समर्थन न मिल पाया तो कांटे का चुनाव भी हो सकता है।
ऐसे में सुरेश राणा की राष्ट्रव्यापी छवि और उनके भावी कैबिनेट मंत्री होने की आशा उनके लिए संजीवनी का कार्य करेगी।।
अगर बीजेपी समर्थक वोटरो का मतदान प्रतिशत बढ़ा लिया जाए तो जीत का अंतर 30000 तक होगा भले ही 70% मुस्लिम बसपा को मिल जाए।।
मुस्लिम 90% एकतरफा गए तब भी बीजेपी जीत सकती है पर हिन्दू समाज में पोलिंग 70% से ऊपर करवाना होगा अन्यथा समस्या हो सकती है।
अभी तक के रुझान से सुरेश राणा थानाभवन सीट से लगातार दूसरी बार बाजी मारते दिखाई दे रहे हैं और यह जीत उनके राजनैतिक कैरियर में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे होते हैं जहाँ किसी व्यक्तित्व के प्रभाव से जातिगत समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं, ऐसी ही एक सीट है शामली की थानाभवन सीट जहाँ अपनी लोकप्रियता के दम पर वर्तमान विधायक सुरेश राणा सामाजिक समीकरणों को धता बताकर पुन: जीतने जा रहे हैं और यूपी में बीजेपी सरकार बनी तो कैबिनेट मंत्री भी अवश्य बनेंगे।
पिछली बार सुरेश राणा नए थे और मुस्लिम मतों में बंटवारे की वजह से मामूली अंतर से जीत पाए थे, इस बार मुजफ्फरनगर शामली इलाके में हुए साम्प्रदायिक तनाव से उनकी और संगीत सोम की छवि हिन्दू हृदय सम्राट की बन चुकी है। अब उनकी लोकप्रियता और पहचान राष्ट्रव्यापी हो चुकी है, इस बार इन्हें उन वर्गों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है जो गत चुनाव में नही मिल पाया था,
बसपा ने इस सीट से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस खान (मुस्लिम राजपूत) को, सपा ने डॉक्टर सुधीर पवार (जाट समाज से) को, और रालोद ने राव जावेद खान (मुस्लिम राजपूत) को टिकट दिया है, इस बार मुस्लिम मतों में बिखराव पहले की अपेक्षा कम है,
सपा उम्मीदवार को जाट मतदाताओं का समर्थन मुजफ्फरनगर दंगो में सपा सरकार की भूमिका के कारण नही मिल पा रहा है,
जाट वोट का बहुमत भी सुरेश राणा को मिल रहा है।
थानाभवन सीट का सामाजिक समीकरण और रुझान निम्नवत दिखाई दे रहा है-----
95,000 मुस्लिम
45,000 जाट
45,000 दलित
24,000 राजपूत
35,000 कश्यप
30,000 सैनी
10000 ब्राह्मण
10000 वैश्य व्यापारी
4000 रोड
30000 अतिपिछड़ा ,वाल्मीकि आदि
बसपा उम्मीदवार राव अब्दुल वारिस का समीकरण---
मुस्लिम---65000
दलित ---35000
अन्य---5000
कुल--105000 इनका वोट प्रतिशत होगा 70%==71000
बसपा उम्मीदवार को कुल 70000--75000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।
सपा उम्मीदवार--डॉक्टर सुधीर पवार का समीकरण
मुस्लिम--10000
जाट--10000
अन्य---5000
टोटल 25000 इनका वोट प्रतिशत होगा 55%=14000
सपा उम्मीदवार को 13000--15000 वोट मिलता दिखाई दे रहा है, इनकी जमानत बचना भी मुश्किल है।
रालोद उम्मीदवार राव जावेद का समीकरण---
मुस्लिम --15000
जाट--15000
अन्य--5000
कुल 35000, इनका वोट प्रतिशत होगा 62%=23000
रालोद उम्मीदवार को 20000--25000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं।
बीजेपी उम्मीदवार सुरेश राणा का समीकरण---
मुस्लिम--1000
दलित--9000
जाट--24000
सैनी--25000
कश्यप--29000
ठाकुर--22000
अन्य हिन्दू--45000
कुल--155000 ,इनका वोट प्रतिशत होगा 58%=90000
बीजेपी उम्मीदवार को 87000--90000 वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं,
इस प्रकार कम से कम 15 हजार वोट से सुरेश राणा की विजय होगी,
किन्तु मुस्लिम वोट पूरी तरह एकजुट होकर बसपा प्रत्याशी पर पड गया या जाट/दलित मतदाताओ में बीजेपी को अधिक समर्थन न मिल पाया तो कांटे का चुनाव भी हो सकता है।
ऐसे में सुरेश राणा की राष्ट्रव्यापी छवि और उनके भावी कैबिनेट मंत्री होने की आशा उनके लिए संजीवनी का कार्य करेगी।।
अगर बीजेपी समर्थक वोटरो का मतदान प्रतिशत बढ़ा लिया जाए तो जीत का अंतर 30000 तक होगा भले ही 70% मुस्लिम बसपा को मिल जाए।।
मुस्लिम 90% एकतरफा गए तब भी बीजेपी जीत सकती है पर हिन्दू समाज में पोलिंग 70% से ऊपर करवाना होगा अन्यथा समस्या हो सकती है।
अभी तक के रुझान से सुरेश राणा थानाभवन सीट से लगातार दूसरी बार बाजी मारते दिखाई दे रहे हैं और यह जीत उनके राजनैतिक कैरियर में मील का पत्थर सिद्ध होगी।