जय श्रीराम भाइयों---
कुछ समाचार पत्र और कुछ हमारे ही बंधू योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रीमंडल पर जातिगत आधार पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि इसमें ठाकुरों का वर्चस्व रहा है
कुछ हमारे बधु भी अज्ञानतावश खूब लम्बी लम्बी हाँक रहे हैं
ऐसे सभी मिडिया के बन्धु और वो राजपूत लक्डबग्घे जान लें कि---
योगी जी के मन्त्रीमण्डल में 44 में से कुल 7 मंत्री ठाकुर बने हैं जो कुल संख्या का 16% है
जबकि बीजेपी के विधायको 325 की कुल संख्या का 18% राजपूत विधायक (56) हैं
इसके अलावा
अखिलेश सरकार में राजपूत मंत्री थे 10-12
मायावती सरकार में भी राजपूत मंत्री थे 8-10
मुलायम सरकार में राजपूत मंत्री थे 21
राजनाथ सरकार में राजपूत मंत्री बने थे 19
कल्याण सिंह सरकार में राजपूत मंत्री थे 19
तो आज योगी जी की सरकार में मात्र 7 ठाकुर मंत्री बन गए तो इतनी हाय तौबा क्यों????
सच्चाई ये है कि मुलायम अक्ललेश मायावती सरकारों में कुछ को छोड़कर अधिकांश राजपूत मंत्री एकदम पंगु थे किसी काम के नही थे, मामूली से अहीर दलित अधिकारी ही उनकी बेइज्जती कर देते थे (आँखों देखी)
अब सुरेश राणा, मोती सिंह जैसे प्रभावी मंत्री उनसे लाख दर्जे बेहतर सिद्ध होंगे।
सिर्फ संगीत सोम के साथ अन्याय हुआ, उन्हें दो सप्ताह बाद अगले विस्तार में सम्मानजनक स्थान अवश्य मिलेगा,
बाकि योगी मन्त्रीमण्डल संतुलित और शानदार है।सभी वर्गों को समुचित स्थान मिला है।
गूजरों को मन्त्रीमण्डल में स्थान नही मिला इसके पीछे यूपी के सबसे ताकतवर गूजर नेता का हाथ है क्योंकि गूजर कोटे से वो अपनी बेटी को कुछ दिन बाद एमएलसी बनवाकर मंत्री बनवाना चाहते हैं इसलिए अब किसी और को बनने नही दिया।
योगी जी संत हैं, उनका समाज सर्वसमाज है , हमे उनसे जातिवादी शासन या वर्चस्व नही एकदम निष्पक्ष शासन की उम्मीद है और हमारी उम्मीद पूरी होगी
उनके मन्त्रीमण्डल को लेकर जातिगत दुष्प्रचार बन्द हो।
कुछ समाचार पत्र और कुछ हमारे ही बंधू योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रीमंडल पर जातिगत आधार पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि इसमें ठाकुरों का वर्चस्व रहा है
कुछ हमारे बधु भी अज्ञानतावश खूब लम्बी लम्बी हाँक रहे हैं
ऐसे सभी मिडिया के बन्धु और वो राजपूत लक्डबग्घे जान लें कि---
योगी जी के मन्त्रीमण्डल में 44 में से कुल 7 मंत्री ठाकुर बने हैं जो कुल संख्या का 16% है
जबकि बीजेपी के विधायको 325 की कुल संख्या का 18% राजपूत विधायक (56) हैं
इसके अलावा
अखिलेश सरकार में राजपूत मंत्री थे 10-12
मायावती सरकार में भी राजपूत मंत्री थे 8-10
मुलायम सरकार में राजपूत मंत्री थे 21
राजनाथ सरकार में राजपूत मंत्री बने थे 19
कल्याण सिंह सरकार में राजपूत मंत्री थे 19
तो आज योगी जी की सरकार में मात्र 7 ठाकुर मंत्री बन गए तो इतनी हाय तौबा क्यों????
सच्चाई ये है कि मुलायम अक्ललेश मायावती सरकारों में कुछ को छोड़कर अधिकांश राजपूत मंत्री एकदम पंगु थे किसी काम के नही थे, मामूली से अहीर दलित अधिकारी ही उनकी बेइज्जती कर देते थे (आँखों देखी)
अब सुरेश राणा, मोती सिंह जैसे प्रभावी मंत्री उनसे लाख दर्जे बेहतर सिद्ध होंगे।
सिर्फ संगीत सोम के साथ अन्याय हुआ, उन्हें दो सप्ताह बाद अगले विस्तार में सम्मानजनक स्थान अवश्य मिलेगा,
बाकि योगी मन्त्रीमण्डल संतुलित और शानदार है।सभी वर्गों को समुचित स्थान मिला है।
गूजरों को मन्त्रीमण्डल में स्थान नही मिला इसके पीछे यूपी के सबसे ताकतवर गूजर नेता का हाथ है क्योंकि गूजर कोटे से वो अपनी बेटी को कुछ दिन बाद एमएलसी बनवाकर मंत्री बनवाना चाहते हैं इसलिए अब किसी और को बनने नही दिया।
योगी जी संत हैं, उनका समाज सर्वसमाज है , हमे उनसे जातिवादी शासन या वर्चस्व नही एकदम निष्पक्ष शासन की उम्मीद है और हमारी उम्मीद पूरी होगी
उनके मन्त्रीमण्डल को लेकर जातिगत दुष्प्रचार बन्द हो।