Wednesday, December 28, 2016

समाजवादी पार्टी में बेचारे राजपूत नेताओं की इतनी फजीहत क्यों????


समाजवादी पार्टी में बेचारे राजपूत नेताओं की फजीहत-----

फुटबॉल की तरह इधर से उधर लुढ़कते फिर रहे हैं,जाएं तो जाएं कहाँ,
मन्दिर के घण्टे की तरह जो भी आता है बजाकर चला जाता है !!!!!

किसी को अखिलेश यादव पेल देते हैं तो किसी को शिवपाल यादव!!!
कुछ सीधे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के ही गुस्से का शिकार बन जाते हैं।।

पेश है समाजवादी पार्टी में बेचारे ठाकुर नेताओं का हाल-----

1--रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया जी-------
राजा भैया सपा को समर्थन देने वाले सबसे प्रभावशाली राजपूत नेता हैं, राजा भैया के नाम पर ही 2012 में सपा को जमकर राजपूत वोट मिला था,
पर उनको भी अहीरों और मुस्लिम नेताओ जितना सम्मान नही दिया गया,
पहले अखिलेश यादवउन्हें मंत्री नही बनाना चाहते थे, फिर बना दिया तो कुछ समय बाद ही उनसे उनका कारागार मंत्रालय छीन लिया गया,
उसके बाद आजम खान के दबाव में जिया उल हक के मामले में निर्दोष होने के बावजूद उनसे मंत्री पद से इस्तीफा लिया गया,
जाँच में बेदाग होने के बाद मन्त्रीमण्डल में वापसी तो हुई,पर बाद में उनसे बिना पूछे मंत्रालय बदलकर महत्वहीन विभाग दिया गया!!!

राजा भैया द्वारा पिछले दशक से लगातार समाजवादी पार्टी का साथ दिए जाने के बावजूद उनके प्रबल प्रतिद्वंदी प्रतापगढ़ के ही कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी के साथ भी सपा हाईकमान ने गर्मजोशी के रिश्ते बनाए रखे।।

हाल ही में सपा के पारिवारिक घमासान में राजा भैया निष्पक्ष रहे थे, जिसके बाद शिवपाल समर्थक अतीक अहमद ने प्रतापगढ़ जाकर राजा भैया के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की थी,पर अतीक अहमद के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की गयी।क्योंकि वो मुस्लिम है!!

अब देखना है कि राजा भैया घोर उपेक्षा के बावजूद कब तक सपा के साथ बने रहते हैं!!!!!

2----अमरसिंह----
अमरसिंह का आचरण देखकर इसको राजपूत नेता या राजपूत कहना भी अनुचित होगा,
बल्कि सच कहें तो उसका जिक्र करना भी अपराध है,
फिर भी उसके बारे में इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि विगत 100 बरस में जितनी बेइज्जती और थू थू समाजवादी पार्टी में अमरसिंह की हुई है उतनी आज तक शायद ही किसी दूसरे राजपूत की कभी हुई हो!!!!!!
इससे ज्यादा इसके बारे में कुछ लिखना बोलना आवश्यक नही है👎👎👎👎

3---राजा महेंद्र अरिदमन सिंह उर्फ़ राजा भदावर-----
आगरा के एक बेहद प्रतिष्ठित राजपूत राजपरिवार में जन्मे राजा भदावर का भी सपा में जमकर अपमान हुआ,
बीजेपी सरकार में कई बार मंत्री रहे राजा साहब सपा में आ गए,
इनके दम पर ही पहली बार आगरा में विधानसभा चुनाव में सपा का खाता खुला,
उन्हें परिवहन विभाग में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था,पर तुरन्त बाद ही इनकी उपेक्षा शुरू हो गयी!!!
पहले इनका मंत्रालय बदलकर महत्वहीन विभाग दिया गया और कुछ दिन बाद अचानक इन्हें अपमानजनक ढंग से मन्त्रीमण्डल से बर्खास्त ही कर दिया गया!!
सुना है इनसे मुलायम सिंह ही किसी कारणवश नाराज थे।।

तब से राजा साहब बिना मंत्री पद के सपा में ही बने हुए हैं ,इन्हें सपा ने टिकट भी दे दिया है,
देखते हैं राजा साहब का अगला कदम क्या होता है !!

4---ठाकुर ओमप्रकाश सिंह---
गाजीपुर के दिग्गज नेता,एक पुराने सपाई और मुलायम परिवार के बेहद निष्ठावान सिपाही रहे हैं ओमप्रकाश सिंह जी,
मुलायम सिंह की सरकार में भी मंत्री बनते आए हैं पर अखिलेश यादव, राजा भैया की तरह ही इनसे भी न जाने क्यों खार खाए बैठे रहे!!!
मुलायम कुनबे के घमासान में इनकी गिनती शिवपाल गुट में होने से मुख्यमंत्री अखिलेश ने इन्हें बिना कारण बताए कैबिनेट मंत्री के पद से सीधे बर्खास्त कर दिया!!!!!

5---ठाकुर राजकिशोर सिंह----
बस्ती जिले के दिग्गज नेता राजकिशोर सिंह को भी शिवपाल गुट का मानकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया!!!!😢😢

6---अरविन्द सिंह गोप----
कैबिनेट मंत्री अरविन्द सिंह गोप जो लगातार बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ सीट से जीतकर आ रहे थे,और इन्हें सपा की ओर से राजपूत नेता बनाकर प्रोजेक्ट किया जा रहा था,
उन पर शिवपाल यादव और मुलायम सिंह की गाज गिर गयी!!!
उनकी परम्परागत सीट से इनका टिकट काटकर बेनीप्रसाद वर्मा के पुत्र को टिकट दे दिया गया है 😢😢😢😢

7---कुंवर आनन्द सिंह-----
गोंडा जिले की मनकापुर रियासत के राजा कुंवर आनन्द सिंह की किसी जमाने में तूती बोलती थी, वो अब से 35 साल पहले भी यूपी में कैबिनेट मंत्री और 3 बार सांसद रह चुके हैं ,
पर सपा में राजा साहब की बुढ़ापे में इतनी फजीहत होगी, यह इन्होंने सपने में भी नही सोचा था,
इन्हें भी मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा कैबिनेट मंत्री के पद से सीधे बर्खास्त कर दिया गया!!!!!😢😢

8---एमएलसी आनन्द भदौरिया----
एक युवा राजपूत नेता जिसे मायावती सरकार में सपा के धरने प्रदर्शन में भाग लेने के कारण बसपाई पुलिस द्वारा निर्ममता से सरेआम पीटा गया था,
उन्हें सपा सरकार में अपने बलिदान का ये सिला मिला कि शिवपाल यादव ने इन्हें समाजवादी पार्टी से ही निकाल कर बाहर कर दिया!!!

9--योगेश प्रताप सिंह---
गोंडा के प्रभावी राजपूत नेता योगेश प्रताप सिंह को भी अखिलेश यादव ने मन्त्रीमण्डल से बर्खास्त कर दिया
😢😢

10--बृजभूषण शरण सिंह---
सपा हाईकमान की बेरुखी और उपेक्षा से नाराज होकर सांसद बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी में दोबारा शामिल हो गए।।

11--जगदीश सिंह राणा-----
शिवपाल यादव द्वारा पहले सैफई महोत्सव में सहारनपुर के लोकप्रिय  और कद्दावर नेता जगदीश सिंह राणा जी (पूर्व सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री ) को बुलाकर सपा में दोबारा आने का निमन्त्रण दिया,
राज्यसभा और विधानपरिषद में भेजने का भी आश्वासन दिया,
पर बाद में मुकर गए,
सैफई महोत्सव में जाने के कारण बसपा ने राणा जी और उनके भाई विधायक महावीर सिंह को निष्कासित कर दिया,
अब राणा परिवार बीजेपी में शामिल हो गया है।।

12--पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर जी के पुत्र नीरज शेखर---
सपा सरकार बनने के बाद नीरज शेखर की भी सपा सरकार में जमकर उपेक्षा की गयी,इनके परिवार के सदस्यों को एमएलसी चुनाव भी मजबूरन बसपा से लड़ना पड़ा,
बाद में पूर्वांचल में स्वर्गीय चन्द्रशेखर जी के अनुयायी राजपूत वोटों के लालच में बेमन से इन्हें राज्यसभा में भेजा गया।।

इस प्रकार समाजवादी पार्टी में राजपूत नेताओं की कितनी फजीहत हुई इसका अंदाजा लगाया जा सकता है,
किसी राजपूत नेता को अखिलेश का कोपभाजन बनना पड़ा, तो किसी पर शिवपाल यादव की गाज गिरी, किसी को सीधे मुलायम सिंह ने ही लपेट दिया,

इस दौरान लगातार अपने बयानों और क्रियाकलाप से सरकार को संकट में डालने वाले नेताओं आजम खान, अतीक अहमद, मुख़्तार अंसारी जैसे किसी मुस्लिम नेताओ का कभी बाल भी बांका नही हुआ,
न किसी अहीर नेता का नुक्सान हुआ,
गाज गिरी तो राजपूतो पर!!!!

जबकि 2012 में सपा के टिकट पर 30 से ज्यादा राजपूत विधायक जीतकर आए थे, इस बार तो टिकट ही 25 के आसपास मिले हैं!!!!

"पराएधीन सपनेहुँ सुख नाही" 😢😢😢😢
सिर्फ सामन्त बनकर सत्ता सुख भोगने की चाहत रखने वाले स्वार्थी राजपूत नेताओं के लिए यह तिरस्कार एक बड़ा सबक है।।

दोस्तों, गलती सपा की नही बल्कि इसपर भरोसा करने वाले राजपूतो की है,
ये वही पार्टी है जिसने गरीब राजपूत किसानो की हत्यारिन फूलन देवी को रिहा किया और सांसद बनाकर राजपूत समाज की अस्मिता को ठेंगा दिखाया था, यह वही दल है जिसकी सरकार ने अयोध्या में सूर्यवंशी क्षत्रिय भगवान श्रीराम के भक्तों पर गोलियां चलवाई थी,

यह वही सपा है जिसकी सरकार में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सैंकड़ो आंदोलनकारियों (जिनमे ब्राह्मण राजपूत अधिक थे) पर निर्ममता से रामपुर तिराहा पर गोलिया चलवाई गयी थी और ओरतो के साथ बलात्कार तक हुए थे,

पिछले 5 साल में राजपूतो के बच्चों को न पर्याप्त नोकरिया मिली  न स्कुल कॉलेज में एडमिशन मिले,
लाखो राजपूत युवा बेरोजगार बने घूम रहे हैं 😢😢😢😢
और कुछ राजपूत नेता निजी स्वार्थ में सपा में सामन्त बनकर सत्ता सुख भोग रहे थे, अब अपमानित हो रहे हैं!!!

एक बार सपा नेता बेनीप्रसाद वर्मा ने कहा था कि आरक्षण विरोधियो से डंडे लेकर निपटा जाएगा!!!!

तो खाओ भाइयो डंडे और सहो अपमान ,तिरस्कार और बेइज्जती!!!!

जय राजपूताना 😷😷😷😷😷😷😷😷

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