Thursday, November 17, 2016

अगर नकद लेन देन बन्द हो गया तो इन दो नम्बर के धंधो का क्या होगा ????😂😂

अगर नकद लेन देन बन्द हो गया तो इन दो नम्बर के धंधो का क्या होगा---

चर्चाओं के अनुसार अगर जल्द ही देश में 3 हजार से ऊपर के नकद लेन देन पर रोक लग गयी, इससे ऊपर सभी लेन देन चैक/डेबिट-क्रेडिट कार्ड/ account to account money transfer से होने लगेऔर सोना सरकारी खजाने में जमा करवाकर नागरिकों को गोल्ड बांड दे दिए गए, तो जनता के पास सिर्फ सब्जी, फल, बिस्कुट-नमकीन खरीदने या चाट पकोड़ी खाने के ही नकद पैसे होंगे,

ऐसी दशा में ये धन्दे कैसे चलेंगे???
1--रिश्वत
2--कमीशन
3--फिरौती
4--डकैती/लूटमार/राहजनी
5--रंगदारी
6--आरटीआई एक्ट के नाम पर वसूली/ब्लैकमेलिंग
7--हफ्ता/महीना वसूली
8--प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के पत्रकारों द्वारा राजनैतिक दलों, माफियाओ,नोकरशाहों से हिस्सा वसूली
9--अनधिकृत ब्याज का धन्दा
10--पेटी ठेकेदारी (रजिस्टर्ड ठेकेदार के नीचे)
11--प्रॉपर्टी सौदों में कमीशन-दलाली (बिना पंजीकरण)
12--गुंडागर्दी/बाहुबलीपना/लठैती/नेताओं के साथ हथियार लेकर चलने वाले चमचे
13--शराब माफिया/खनन माफिया/वन माफिया और तस्कर
14--स्कुल-कॉलेजो में लाखो करोड़ो का डोनेशन
15--धर्मान्तरण, मदरसों मिशनरियों ढोंगी मठों के क्रियाकलाप
16--भृष्ट एनजीओ
17--आतंकवाद,नक्सलवाद,
18--हवाला ,सट्टा -खाईबाड़ी, मैच फिक्सिंग
19--पशु तस्करी, गौहत्या,
20--छुटभैया नेतागिरी 

इन जैसे सब धंदो की बसन्ती फिट हो जाएगी अगर नकद लेन देन बन्द हो गया तो,
क्योंकि उपरोक्त में से कोई भी धंदेबाज अपनी  राशि अपने या अपने परिचित के खाते में प्राप्त करने की हिम्मत नही करेगा!!!!
इसलिए जो भी भाई इन धंधो से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं वो अपना दूसरा रोजगार ढूंढने में लग जाएं नही तो भूखे मर जाओगे।।

हाँ अम्बानी अडानी जैसो का धंधा पहले की तरह चलता फलता फूलता रहेगा क्योंकि ये नकद की बजाय चोर दरवाजों से बड़े राजनेताओं/ बड़े नोकरशाहों को शेयर आदि बांटकर अपना और उनका काला धन सफेद करते ही रहेंगे..

Monday, November 14, 2016

पहले विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और कॉर्पोरेट्स के गठजोड़ पर हो सर्जिकल स्ट्राइक, न कि मध्यम वर्ग पर


क्या होगा अगर नकद लेन देन बन्द हो जाए और मायावती जी देश की पीएम बन जाए तो---

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में आतंकवाद निरोधक पोटा कानून लाया गया था, आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए
मगर यूपी में मायावती ने उसका इस्तेमाल राजनैतिक विरोधियों से बदला भांजने में किया न कि आतंकवादियों के विरुद्ध,

कानून कितना भी सख्त बना दें अगर लागु करने वाले की नीयत सही नही है तो उसके दुष्परिणाम बड़े भयावह हो सकते हैं।।

अब चर्चा चल रही है कि जल्द ही 3 हजार रूपये से ऊपर का लेन देन और खरीद फरोख्त नकद की बजाय चैक या account to account money transfer से होगा, और एक परिवार का एक ही बैंक खाता होगा!!!!!

इसका सकारात्मक परिणाम यह होगा कि टैक्स चोरी करना असम्भव हो जाएगी और बड़ी पारदर्शिता हो जाएगी।

किन्तु कुछ दुष्परिणाम पर भी विचार करिये----
कल को मायावती ,जयललिता ,केजरीवाल या ममता बनर्जी जैसे देश के प्रधानमन्त्री बन जाते हैं और उन्होंने कोई कानून पास कर दिया कि जिनपर भी sc/st एक्ट या साम्प्रदायिक हिंसा निवारण कानून (जिसे यूपीए सरकार लाने वाली थी) लगेगा ,
उनके बैंक खाते पर रोक लगा दी जाएगी😯😯😯😯

तो उस आरोपित व्यक्ति के परिवार को भूखो मारे जाने को विवश होना पड़ जाएगा या भीख मांगनी पड़ जाएगी, न ही वो व्यक्ति धन के आभाव मेंअपनी क़ानूनी लड़ाई लड़ पाएगा,
क्योंकि नकदी उसके पास होगी नही, और बैंक खाते पर भी रोक लग जाएगी!!!!

ऐसी स्थिति में सरकार चाहे तो आपका आर्थिक बहिष्कार कर आपको बेमौत मार सकती है,सरकार का विरोध किया तो भूखे मरने को तैयार हो जाएं।।
ये एक प्रकार से मानवाधिकारों को भी कुचलने का अधिकार देना होगा।।
इस प्रकार के कानून और शक्तियां अधिनायकवाद को भी जन्म दे देते हैं।

इसलिए मोदी जी को सर्जिकल स्ट्राइक की अगली शुरुवात पहले भृष्ट राजनेताओं और राजनैतिक दलों के खिलाफ करनी होगी, भृष्ट नेता चाहे किसी भी दल से हो उनको धूल में न मिलाया गया, तो उनके इशारे पर काम करने वाली सरकारी मशीनरी और अधौगिक जगत पर रोक लगाना असम्भव  होगा।।

किसी भी कानून का दुरूपयोग हो सकता है अगर उसे लागु करने वाली विधायिका और कार्यपालिका बेईमान हो,और भृष्ट न्यायपालिका उन्हें सरक्षण प्रदान करें।।

मोदी जी से निवेदन है कि आम व्यापारी/किसान/मध्यम वर्ग/आढ़ती/एम्प्लोयी या छोटी मछलियों जिसने पहले जानकारी के आभाव या लापरवाही/लालच में प्रोपर टैक्स न दिया हो,
पहले उन पर सर्जिकल स्ट्राइक के बजाय भृष्ट विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर पर चोट करें और उन्हें अपने इशारो पर नचाने वाले बड़े कार्पोरेट घरानो के विरुद्ध कार्यवाही का साहस दिखाएँ,
जो बड़े कॉर्पोरेट्स घराने बैंको का हजारो करोड़ ऋण दबाए बैठे हैं उनसे सख्ती से ऋण की वसूली की जाए।।

बीजेपी में भी बहुत से भृष्ट राजनेता हैं और बैंको के हजारो करोड़ ऋण अदा न करने वाले घोटालेबाज ओधोगिक घरानो से उनकी मित्रता हैं, यूपीए शासन के बेईमान नेताओं से अंदरुनी गठजोड़ रखने वाले कई बीजेपी नेता आज सत्ता में प्रभावशाली हैं,
आम जनता में विश्वास जगाने के लिए इन भृष्ट बीजेपी नेताओं पर भी सर्जिकल स्ट्राईक पहले होनी चाहिए।

अगर विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और बड़े औधौगिक घराने सुधर गए तो अब तक प्रोपर टैक्स जमा न करने वाला मध्यम वर्ग अपने आप सुधर जाएगा।।

Saturday, November 12, 2016

मोदी जी, जिनके पास चैकबुक/डेबिट कार्ड नही हैं वो गरीब कहाँ जाएं????


जिनके पास चैकबुक/डेबिट कार्ड नही हैं वो गरीब कहाँ जाएं-----

कमाल है,
झूटली उर्फ़ केतली जैसे महाभृष्ट राजनेता भी काले धन को लेकर उपदेश झाड़ रहे हैं 😶😶
और कई ऐसे बेईमान अफसर जिनके पास इस समय संयोगवश ज्यादा नकदी नही थी वो भी राजा हरिश्चंद्र बनकर खूब छाती ठोक रहे हैं और निर्णय की सराहना कर रहे हैं,

झूटली के अनुसार लोग प्राइवेट अस्पतालों और शादी ब्याहों में चैक और कार्ड से भुगतान करें!!!!!!
अबे केतली...... पहले ये तो सर्वे करवा ले,कि कितने परिवारो के पास भारत में इस समय चैक बुक या डेबिट/क्रेडिट कार्ड उपलब्ध है????

भले ही जनधन के करोड़ो खाते खुल गए हों पर अभी भी 70% भारतियों के पास चैक बुक नही है और इस समय लाइन में लगकर लेना सम्भव भी नही है, किसी की चैक बुक खत्म हो गयी तो दूसरी चैक बुक आने में भी समय लगता है!!!!

मतलब किसी ऐसे आदमी को जिसके पास न चैक बुक है न डेबिट कार्ड (भारत के 70% परिवार), उनका कोई मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाए????

या उसकी बेटी की शादी है तो वो भीख मांगकर जरूरत पूरी करे या सादगी में 2 जोड़ी कपड़ो के साथ 4 आदमियों की बरात के साथ बेटी विदा कर दे?????

नोटबन्दी का मोदी जी का निर्णय शानदार है इसके दूरगामी लाभ भारतवर्ष को अवश्य मिलेंगे,लेकिन इसे लागु करने में जबरदस्त लापरवाही हुई है जिससे आम जनता हलकान हो गयी है।
क्या नोटबन्दी के शानदार निर्णय को समुचित व्यवस्था के साथ लागु न करने के लिए देश के वित्त मंत्री को अविलम्ब बर्खास्त नही कर देना चाहिए?????

Thursday, November 10, 2016

कहाँ गया गुजरात और वीरभूमि मेवाड़ का सैन्य गौरव ?????


क्या नष्ट हो गया गुजरात और मेवाड़ का सैन्य गौरव??--------

एक बार फील्ड मार्शल सैम मानेकशा अहमदाबाद गए थे तो एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सेना में विभिन्न प्रदेशो के सैनिको के साथ रहकर वो पंजाबी, गढ़वाली, हिमाचली, मराठी, हरियाणवी, मारवाड़ी, भोजपुरी, हिमाचली, डोगरी, कूर्गी भाषा सीख गए हैं,
वहां कुछ श्रोताओं ने उनसे पूछा कि फिर आपने गुजराती क्यों नही सीखी??
तो सैम ने जवाब दिया कि उनकी सर्विस के दौरान उन्हें भारतीय सेना में गुजराती जवान और ऑफिसर न के बराबर मिले तो वो कैसे गुजराती सीख पाते????
जबकि देश के दूसरे आर्मी चीफ जनरल राजेन्द्र सिंह जाडेजा गुजरात से ही थे पर बाद में यह क्रम नही बढ़ा।।

भारतीय सेना में 10% से ज्यादा जवान अकेले हरियाणा से आते हैं जबकि हरियाणा की आबादी देश की कुल आबादी का लगभग 2% ही है,
इससे कुछ कम आंकड़ा पंजाब का है।

सेना में उत्तराखण्ड हिमाचल प्रदेश और जम्मू के जवानो की कुल संख्या भी करीब 15% है जबकि इन पहाड़ी प्रदेशों की कुल जनसंख्या देश की कुल आबादी का मात्र 2% है।

इसी प्रकार यूपी का प्रतिनिधित्व करीब 15% और बिहार का 7% है जबकि इन दोनों प्रदेशो में देश की लगभग 25% आबादी निवास करती है

सेना में पंजाब और राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी अब जवान और अधिकारी स्तर दोनों जगह सिकुड़ रहा है।

जबकि समूचे गुजरात और राजस्थान की वीरभूमि मेवाड़ का प्रतिनिधित्व भारतीय सेना में न के बराबर है ,ऐसा क्यों हुआ????
मेवाड़ वीरभूमि के रूप में सारे विश्व में विख्यात रहा है और मौहम्मद गौरी ,अकबर को सबसे करारी मात भी गुजरात में ही मिली थी, फिर अब क्या हुआ???

कुछ लोग कहेंगे कि इन इलाको में राजपूत और दूसरी मार्शल जातियां सेना में जाने की बजाय व्यापार और विदेश में जाना पसन्द करते हैं,
पर गुजरात और मेवाड़ के राजपूत पुलिस में खूब जाते हैं और हजारो बेरोजगार भी हैं,
फिर भारतीय सेना में जवान और अधिकारी स्तर पर भर्ती क्यों नही होते???
क्या गुजरात और मेवाड का सैन्य गौरव और क्षमता अब नष्ट हो चुका है?????
ऐसा प्रतीत होता है कि लगातार युद्धों में वीरगति के बाद मेवाड़ में राजपूतों की संख्या में बड़ी गिरावट भी हुई, महाराणा भीमसिंह के समय उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए भाड़े के सिंधी मुसलमान भर्ती करने पड़े थे क्योंकि मेवाड़ में राजपूत बहुत कम बचे थे।

वहीँ समूचे गुजरात से भारतीय सेना में जितने जवान हैं उनसे ज्यादा जवान अकेले यूपी के गहमर और आसपास के गांव से हैं जिनमे अधिकतर सिकरवार राजपूत हैं।
अकेले हरियाणा के रेवाड़ी जिले से 25 हजार अहीर जवान देश की प्रतिरक्षा सेना में हैं ।

आज जवान और अधिकारी दोनों स्तर पर हरियाणा और देश के पहाड़ी क्षेत्र ही भारतीय सेना की रीढ़ बन गए हैं ,पंजाब और राजस्थान शुरुवाती दिनों की बढ़त के बाद अब पिछड़ गए हैं।पंजाब से खालिस्तान आंदोलन के बाद सेना का क्रेज खत्म हो गया है,अब पंजाब के सिक्ख सेना की बजाय विदेश जाना पसन्द करते हैं।

मेवाड़ से भारतीय सेना में भर्ती क्यों नही होती इसके और क्या कारण हो सकते हैं???
क्या शारीरिक कद काठी और लडाकूपन में भी कमी आ गयी है???
या ब्रिटिश काल से आज तक किसी ख़ास कारण से जान बूझकर इनके साथ भेदभाव हो रहा है??

Wednesday, November 9, 2016

काश अमरसिंह ने अमेरिका के क्लिंटन फाउंडेशन की बजाय राजपूत समाज को बड़ा दान दिया होता


काश अमरसिंह ने यह दान अमेरिका के क्लिंटन फाउंडेशन की बजाय राजपूत समाज को दान दिया होता-------

कल यूएस प्रेजिडेंट चुनाव में हिलेरी क्लिंटन की हार के साथ सपा नेता अमरसिंह का भारतीय राजनीति पुनरुत्थान का सपना टूट गया,
सुपर पॉवर अमेरिका का दखल भारतीय राजनीति में ऊपर से दिखाई न देता हो पर यह कटु सत्य है।
और विश्व में जिसके भी सर पर अमेरिका का हाथ हो वो गधा भी पहलवान बन जाता है,

जॉर्ज बुश के बाद अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनने की दौड़ में सबसे आगे थी,
तभी समाजवादी पार्टी के नेता अमरसिंह ने उनके पारिवारिक ट्रस्ट क्लिंटन फाउंडेशन को 5 मिलियन डॉलर (कुछ अपुष्ट सूत्रो के अनुसार 10 मिलियन) डोनेशन दिया।।

लेकिन हिलेरी इस दौड़ में बराक ओबामा से पिछड़ गयी और इसके कुछ ही दिन बाद अमरसिंह को समाजवादी पार्टी से बेइज्जत करके निकाल दिया गया।।इतनी बुरी बेइज्जती आज तक किसी नेता की नही की गयी जितनी रामगोपाल यादव ,आजम खान, अखिलेश यादव द्वारा अमरसिंह की हुई।
इसके बाद अमरसिंह लम्बे समय के लिए राजनैतिक बियाबान में चले गए,

कुछ माह पूर्व हिलेरी क्लिंटन अपने दल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित हुई और सभी सर्वे में उनकी बढ़त बताई गयी।।
इसी के साथ भारतीय राजनीति में अमरसिंह की पुन: एंट्री हो जाती है और आश्चर्यजनक रूप से उन्हें फिर से समाजवादी पार्टी में लाकर राज्यसभा सदस्य और फिर महासचिव नियुक्त कर दिया जाता है,हालाँकि अब भी समाजवादी पार्टी में इनकी जलालत खत्म नही हुई और अखिलेश आजम रामगोपाल ने इन्हें सार्वजनिक रूप से दलाल तक कह दिया।।

विश्वास मानिये, कल अगर हिलेरी क्लिंटन जीत जाती तो भारतीय राजनीति में अमरसिंह का सितारा बुलन्दियों पर पहुंच जाता और उसको केंद्र सरकार भी नजरअंदाज नही कर पाती!!!

मुलायम सिंह परिवार में अब जैसे ही एकता होगी और एक मंच पर सभी पारिवारिक सदस्य बैठेंगे तो सबसे पहले अमरसिंह को ही दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया जाएगा।।

काश अमरसिंह ने यह दान बजाय अमेरिका के क्लिंटन फाउंडेशन के राजपूत समाज को दिया होता!!!!!
अमरसिंह द्वारा क्लिंटन को दान दी गयी धनराशि आज के समय में करीब 100 करोड़ रुपया बैठती है,
इस धनराशि से अमरसिंह चाहते तो यूपी के हर जिले में राजपूत भवन/राजपूत छात्रावास बनवा सकते थे,

अगर अमरसिंह ऐसा करते तो बजाय मुलायम अहीर परिवार के बीच जलील होने के राजपूत समाज में हमेशा के लिए वाकई में अमर हो जाते,

अब भी कुछ बचा खुचा है अमरसिंह जी के पास, तो बजाय इधर उधर देने के उसे राजपूत समाज को दें और प्रायश्चित करे, समाज उनकी गलतियां क्षमा करके उनका दिल खोलकर स्वागत करेगा और किसी उन्हें जातिवादी परिवारवादी दल की गुलामी नही करनी पड़ेगी।।

Tuesday, November 1, 2016

जांबाज राजपूत पुलिस अधिकारियों ने ढेर किया था सिमी आतंकवादियों को, पर दिग्विजय ने शर्मनाक बयान दिया

जय भवानी-----

जांबाज राजपूत पुलिस अधिकारियों ने ढेर किया था सिमी आतंकवादियों को💪💪💪💪
वहीँ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से आतंकियो के समर्थन में बयान देकर समस्त क्षत्रिय समाज का सर शर्म से झुका दिया है।

परसों सेंट्रल जेल भोपाल से रात्रि में जेल की दीवार फांदकर 8 खूंखार सिमी आतंकवादी फरार हो गए थे और फरार होते हुए एक बंदीरक्षक रामसेवक यादव की हत्या भी कर गए थे,जिससे मध्य प्रदेश सरकार की किरकिरी हो गयी थी और देशभर में सनसनी फ़ैल गयी थी,

लेकिन मध्य प्रदेश पुलिस ने कुछ ही घण्टो में इन खतरनाक सिमी आतंकवादियो को मार गिराया,
इन आतंकवादियों को मार गिराने में मध्य प्रदेश पुलिस के जिन जांबाज अधिकारियों ने विशेष भूमिका निभाई उनके नाम निम्नलिखित हैं।

1-- सीएसपी नागेंद्र सिंह बैस
2---टीआई वीरेंद्र सिंह चौहान
3---कोलार थाना प्रभारी गौरव सिंह बुंदेला
4---ए एस पी राजेश सिंह चन्देल
5---एस पी.अंसुमान सिंह
उपरोक्त जांबाज क्षत्रिय पुलिस अधिकारियों ने आतंकियो को ढेर करने में अहम भूमिका निभाई।

इन जांबाज राजपूत पुलिस अधिकारियो ने मध्य प्रदेश सरकार की इज्जत बचाने और देश की रक्षा करने का काम किया है, इन्हें शत शत नमन।
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किन्तु दुःख की बात है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तथाकथित राजपूत दिग्विजय सिंह ने इन देशद्रोही आतंकवादियों के सफाए का विरोध करके इस एनकाउंटर पर सवालिया निशान लगा दिया है और देश के शहीदों और इन जांबाज राजपूत पुलिस अधिकारियो के शौर्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है,
दिग्विजय सिंह पहले भी आतंकवादियो के समर्थन में उल जुलूल बयान देकर देशभर के राजपूतो का सर शर्म से झुका चुके हैं, और भी कई क्षत्रिय विरोधी कार्य करते रहे हैं

लेकिन दुःख की बात है कि इनके अमर्यादित और शर्मनाक आचरण के बावजूद कुछ दिनों पहले इसे क्षत्रिय महासभा की बैठक में अतिथि बनाकर मंच पर सम्मान दिया गया,
कुछ पाखण्डी क्षत्रिय धर्म के नाम पर ऐसे नेताओं को भी सम्मान देने से पीछे नही हटते!!!!!😢😢😢😢
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सोशल मीडिया पर इन क्षात्र धर्म के कथित प्रचारकों के अनुसार----

""""भले ही वो पाकिस्तान परस्त आतंकियो का समर्थन करे,
भले ही वो सिम्मी ,इंडियन मुजाहिदीन को बचाव करे,
भले ही उसके बयानों से राजपूतो की देश भर में थू थू हो जाए,

भले ही वो राजपूत आरक्षण का विरोध और जाट आरक्षण को समर्थन करे,
भले ही वो बुढ़ापे में किसी दूसरे की गैरजातीय पत्नी को ब्याहकर व्यभिचार और वर्णसंकरता को बढ़ावा दे,
भले ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को झूठे मामले में फंसवाकर जेल में यातनाएं दिलवाई हों ,

पर राजपूतो को उसकी निंदा नही करनी चाहिए बल्कि क्षत्रिय महासभा की बैठक में पगड़ी और फूलमालाओं से स्वागत करना चाहिए,
अगर आपने ऐसा न किया तो आप सच्चे क्षत्रिय नही बल्कि ब्राह्मणवादियों /आरएसएस/बीजेपी के गुलाम कहलाए जाओगे """"""
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ऐसे निंदनीय लोगों को क्षत्रिय महासभा के मंच पर अतिथि बनाकर ये मुर्ख कौन सा क्षत्रिय धर्म बचाने की बात कर रहे हैं यह सोचनीय और चिंता का विषय है।।।
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इसी बीच मध्य प्रदेश शासन में वरिष्ठ आईएएस ठाकुर बीपी सिंह जी को मध्य प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी (मुख्य सचिव) नियुक्त किया गया है,जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मूल निवासी हैं,

श्री बीपी सिंह जी को बधाई,
सिमी आतंकवादियो को मुठभेड़ में मार गिराने वाले जांबाज राजपूत पुलिस अधिकारियो को नमन,

और अपनी गन्दी वोटबैंक की राजनीति के चलते इस मुठभेड़ को फर्जी बताने वाले, राजपूत समाज के लिए शर्म का पर्याय बने दिग्विजय सिंह की कड़ी भर्त्सना और लानत👊👊

जय भवानी।